अहमदाबाद,क्या भाजपा अध्यक्ष अमित शाह माया कोडनानी के पक्ष में गवाही देंगे ? यह सवाल इसलिए अहम है क्योंकि गुजरात दंगों की आरोपी भाजपा की पूर्व मंत्री माया कोडनानी ने एसआईटी की विशेष अदालत से यह बताने के लिए कुछ वक्त की मोहलत मांगी है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह उनके पक्ष में गवाही देने आदलत के समक्ष पेश होंगे अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि उन्हें शाह का वह पता नहीं मिल रहा है जहां अदालत उन्हें समन भेज सकती है।
अदालत ने पूर्व में माया की वह याचिका मंजूर की थी कि जिसमें उन्होंने शाह को अपने बचाव में गवाही देने के लिए समन भेजने की मांग की थी। माया ने यह कहते हुए कुछ वक्त की मोहलत मांगी है कि उन्हें शाह का पता नहीं मिल पा रहा है जहां अदालत उन्हें समन भेज सकती है।
एसआईटी के विशेष न्यायाधीश पीबी देसाई ने माया को चार दिन की मोहलत दी और मामले की अगली सुनवाई आठ सितंबर को सूचीबद्ध कर दिया। अदालत ने पिछले सप्ताह माया से पूछा था कि क्या शाह उनके गवाह के तौर पर हाजिर होंगे क्योंकि वह बचाव पक्ष के अंतिम गवाह हैं जिनसे पूछताछ होनी बाकी है।
ज्ञात रहे कि 30 अगस्त को गुजरात उच्च न्यायालय ने 2002 के नरोदा पाटिया दंगा मामले में विशेष एसआईटी अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था जिसमें गुजरात सरकार की पूर्व मंत्री को 28 वर्ष जेल की सजा मिली हुई है। दंगे में 97 लोग मारे गए थे। भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री माया कोडनानी को मामले में 28 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई थी जबकि बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
कोडनानी के वकील हार्दिक दवे ने कहा था कि उच्च न्यायालय ने उनके इस आवेदन पर भी फैसला सुरक्षित रख लिया जिसमें भाजपा प्रमुख अमित शाह और सात अन्य को अतिरिक्त गवाह के तौर पर समन करने की मांग की गई है।