पटना,आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव 1000 करोड़ से भी ज्यादा के सृजन घोटाले को लेकर आंदोलन की शुरुआत करने जा रहे हैं। भले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पूरे घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी हो, मगर लालू और तेजस्वी इससे संतुष्ट नहीं है और उनका मानना है कि सीबीआई इस पूरे मामले में कई राजनेताओं को बचाने के लिए लीपापोती में लगी हुई है। आगामी १० सितंबर को लालू और तेजस्वी भागलपुर के सबौर ब्लॉक से पूरे घोटाले को लेकर बिहार सरकार के खिलाफ हल्ला बोल करने जा रहे हैं। गौरतलब है कि भागलपुर के सबौर ब्लॉक में ही सृजन एनजीओ का मुख्य कार्यालय है जहां पर इस पूरे घोटाले की नींव रखी गई। सृजन घोटाले के आंदोलन को लेकर कार्यक्रम तय हो चुका है और लालू और तेजस्वी 10 सितंबर को सबौर ब्लाक में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे और इस घोटाले को लेकर कई खुलासे भी होने की उम्मीद है।
पिछले महीने भी तेजस्वी यादव अपने जनादेश अपमान यात्रा के दौरान भागलपुर पहुंचे थे और सृजन घोटाले को लेकर सबौर ब्लॉक में जनसभा करने का कार्यक्रम था मगर मध्य रात्रि के दौरान हुए ड्रामा में जिला प्रशासन ने तेजस्वी को इस सभा को करने की इजाजत नहीं दी और उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा था। तेजस्वी ने उस वक्त कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी नहीं चाहते हैं कि इस घोटाले को लेकर तेजस्वी भागलपुर में सभा करें। लालू और तेजस्वी दोनों ने आरोप लगाया है कि हजार करोड़ से भी ज्यादा के इस घोटाले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और बीजेपी के कई बड़े नेता शामिल है। फिलहाल पूरे घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है। दिल्ली से एक ६ सदस्य टीम इस वक्त भागलपुर में मौजूद है और सृजन घोटाले को लेकर जगह-जगह पर छापेमारी कर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी आश्वासन दिया है कि इस घोटाले में जो भी शामिल होंगे चाहे वह कितना भी बड़ा राजनेता क्यों ना हो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सृजन घोटाला- लालू-तेजस्वी का 10 सितंबर को हल्ला बोल
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