रायपुर,प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों से मुलाकात करना अब आसान नहीं होगा।जेलों में मुलाकाती के लिए जेल विभाग ने आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है जिससे आसानी से मुलाकात कर आसानी से बातचीत की जा सकती है और जिन कैदी के परिजन के पास आधार कार्ड नहीं है वे पहचान पत्र के माध्यम से मुलाकात कर सकेंगे। उन्हें एक बार अवसर दिया जायेगा।
ज्ञात हो कि प्रदेश के जेलों में दो हजार सजायाफ्ता और विचाराधीन बंदी हैं। इसमें से बारह हजार से अधिक बंदियों का आधार से जोड़ा गया है, और अन्य बंदियों के आधार कार्ड से भी जोड़ा जा रहा है। जेल प्रशासन के इस आदेश को लेकर विशेषज्ञों ने आपत्ति जताकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए राज्य सरकार से इस पैâसले पर पुनरर्विचार करने की मांग की है। ज्ञात हो कि देश और राय में बढ़ रहे अपराध को अंकुश लगाने राज्य सरकार ने एक अनूठी पहल की है जिससे अपराधियों की पहचान की जा सके। जेलों के अधीक्षकों और जेलों को इसका पालन करने और आधार कार्ड की जांच करने के बादद मुलाकात करने समय देने के निर्देश दिये हैं। आदेश से मुलाकात करने वाले परिजन या अन्य की शिनाख्ती के साथ ही उसका रिकार्ड भी सुरक्षित रहेगा। इसके लिए जेल प्रशासन ने ई प्रिजन डाटा साफ्टवेयर बनाया गया है। इससे जेलों में मुलाकातियों की अनावश्यक होने वाली भीड़ से निपटने और रिहाई के बाद भी बंदी के पुराने रिकॉर्ड की छानबीन करने सहायता मिलेगी। एक क्लिक करने पर सारी जानकारी मिल सकेगी। आपात स्थिति और अन्य आवश्यकताओं पर इसकी सहायता से भागे हुए कैदियों की तलाश करने में सहायता मिलेगी। इसका असर आज से सेंट्रल जेल में वैâदियों, सजायाफ्ता बंदियों के साथ देखने को मिला। शनि और रविवार को जेल बंद रहने की वजह से जेल में काफी भीड़ रही जिससे मुलाकातियों का तकलीफों का सामना करना पड़ा।