पाक की पैरवी पर भारत ने चीन को दिया करारा जवाब

नई दिल्ली, भारत और चीन के बीच 73 दिनों तक चला डोकलाम गतिरोध खत्म होने के बाद तीन सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन के लिए रवाना हो गए। उम्मीद है कि ब्रिक्स सम्मेलन से इतर वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी विभिन्न मुद्दों पर बात करेंगे। चीन के दक्षिणपूर्वी फुजियान प्रांत के शहर शियामेन में रविवार से शुरू हो गया। आतंक के मुद्दे पर पाक का बचाव करते हुए चीन ने है कि ब्रिक्स सम्मेलन आतंक जैसा मसला उठाने के लिए उपयुक्त मंच नहीं है। जवाब में भारत ने कहा कि हमें क्या कहना है, यह हमें किसी और से पूछने की जरूरत नहीं है।
डोकलाम से 28 अगस्त को नई दिल्ली और बीजिंग द्वारा सैनिकों को हटाने का निर्णय लेने के बाद आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेता विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। संभावना है मोदी और शी द्विपक्षीय मसलों पर चर्चा करें। हालांकि दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संवाद की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान भारत द्वारा पाकिस्तान पोषित आतंकवाद का मुद्दा उठाए जाने को लेकर चीन पहले से सतर्क है। पीएम मोदी मोदी पिछली बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान को आतंक को पनाह देने वाला देश घोषित कर सकते है। चीन ने कहा कि अगर इस मंच पर आतंक का मुद्दा उठाया गया, तो इससे ब्रिक्स सम्मेलन उद्देश्य से भटक सकता है। चीन ने कहा पाकिस्तान खुद आतंकवाद से पीड़ित है। चीन ने कहा कि यह मुद्दा उठाने के लिए यह सही मंच नहीं है। भारत ने इसका करारा जबाव देते हुए कहा है कि हमें क्या कहना है, यह किसी से पूछने की जरूरत नहीं है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा चीनी सरकार के प्रवक्ता का बयान किसी दूसरे देश के अधिकारों में हस्तक्षेप करने के बराबर है।

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