नई दिल्ली,1 जुलाई को देशभर में जीएसटी लागू होने के 60 दिन पूरे हो चुके हैं लेकिन आम आदमी तक इसका लाभ नहीं पहुंच रहा है। क्योंकि जीएसटी में आम जरूरत की कई वस्तुओं के दाम कम हुए हैं,लेकिन उपभोक्ता पुराने दामों पर चीज खरीदने को मजबूर हैं। इसका सीधा फायदा कंपनियों को हो रहा है। क्योंकि सरकार की सख्ती को दरकिनार करते हुए ज्यादात्तर कंपनियों ने अपनी वस्तुओं के दाम कम नहीं किए है। यह खुलासा उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों से हुआ है। आंकड़ों मुताबिक जीएसटी लागू होने के बाद 50 हजार में से सिर्फ 15 कंपनियों ने ही दाम घटाए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जिन 15 कंपनियों ने जी.एस.टी. के बाद अपने उत्पादों के दाम कम भी किए हैं, उनमें अधिकतर खेल का सामान बनाने वाली कंपनियां हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियों ने उत्पाद का दाम बढ़ने के बावजूद एम.आर.पी.नहीं बदला, क्योंकि पहली एमआरपी में टैक्स शामिल थे। इसलिए कंपनियों ने नए दाम नहीं लिखे। जीएसटी लागू होने के बाद 55 शिकायतें उपभोक्ता मंत्रालय को मिली हैं,जिनमें एमआरपी से ज्यादा दाम वसूलने की बात कही गई है। बता दें कि उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए जीएसटी लागू होने के बाद दाम बढ़ने या घटने की स्थिति में वस्तुओं पर नई एमआरपी लिखने का प्रावधान किया गया था। ताकि उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी न हो सके। लेकिन इसके बाद भी सरकार की सख्ती को दरकिनार कर कंपनियों खुद का मुनाफा कमाने में लगी हुई है। रिपोर्ट में राज्यवार भी जानकारी दी गई है।
उत्तर प्रदेश में किसी भी कंपनी ने दाम घटने या बढ़ने पर नई एमआरपी नहीं लिखी। उत्तराखंड में 19 कंपनियों ने दाम बढ़ने पर उत्पाद पर नया मूल्य दर्ज किया। लेकिन दाम नहीं घटाए। बिहार में 13 और कंपनियों ने अपने उत्पाद पर बढ़ी हुई एमआरपी लिखी। जबकि दो कंपनियों ने दाम घटने का फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचाया। झारखंड में तीन कंपनियों ने दाम में कोई बदलाव नहीं किया।यदि आने वाले दिनों में सरकार ने इस पर सख्ती नहीं दिखाई तो लोगों को जीएसटी का लाभ नहीं मिल पाएगा।
60 दिन बाद भी कंपनियों ने नहीं घटाए दाम,GST को कर रही दरकिनार
