नई दिल्ली,भारत को कैशलैस इकोनॉमी बनाने की दिशा में मोदी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके लिए सरकार सभी सरकारी सेवाओं में डिजिटल तरीके से भुगतान लेने के बारे में गंभीरता से विचार कर रही है। रेलवे और सरकारी परिवहन निगम की बसों सहित सभी सेवाओं के लिए जल्द ही केवल डिजिटल तरीके से भुगतान किया जा सकेगा। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार सभी सरकारी विभागों और एजेंसियों के लिए डिजिटल पेमेंट लेने को अनिवार्य करने के तरीके खंगाल रही है। सरकार चाहती है कि सभी कंज्यूमर इंटरफेस प्वाइंट्स पर डिजिटल पेमेंट्स ही हों। भीम और भारत क्यूआर कोड जैसे पेमेंट के सरकारी उपायों के साथ इन सरकारी एजेंसियों के ऑनलाइन पेमेंट गेटवे के ज्यादा इंटीग्रेशन की योजना भी बनाई जा रही है। सरकार कैश के बजाय डिजिटल पेमेंट्स करने वाले लोगों को इंसेंटिव्स देने के बारे में भी सोच रही है।
एक अधिकारी ने बताया कि सरकार गांधी जयंती पर एक बड़ा अभियान शुरू कर सकती है, जो 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस तक चलेगा। अधिकारी ने बताया कि देश में कुल लेन-देन में बहुत बड़ा हिस्सा सरकारी भुगतानों का होता है। अगर ये भुगतान डिजिटल तरीके से किए जाएं, तो डिजिटल पेमेंट्स की संख्या बढ़ सकती है। इस काम की जिम्मेदारी इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मिनिस्ट्री को दी गई है। पिछले हफ्ते मंत्रालय की समीक्षा बैठक में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अधिकारियों को 2 अक्टूबर से अभियान शुरू करने का निर्देश दिया था। रेल बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने अपने सभी टिकट और रिजर्वेशन काउंटरों को डिजिटल पेमेंट लेने लायक बनाने का निर्णय किया है।
नई गाइडलाइंस के तहत भारत क्यूआर कोड देश में सभी 14 लाख काउंटरों पर दिखेगा। हम अपने टिकट काउंटरों पर आधे ट्रांजैक्शंस को डिजिटल मोड में लाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। इंडियन रेलवेज हर साल 52,000 करोड़ रुपए के टिकट बेचता है और इसका 60 फीसद हिस्सा ऑनलाइन बुकिंग से आता है। इसके अलावा बिजली और पानी के बिल पर एक प्रमुख विकल्प के रूप में भारत क्यूआर कोड छापा जा सकता है। सड़क मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्यों के सड़क परिवहन निगमों को डिजिटल पेमेंट्स लेने की सलाह दी जाएगी। उनसे भारत क्यूआर कोड लगाने का अनुरोध किया जाएगा। दिल्ली मेट्रो रेल निगम भी डिजिटल भुगतान पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। वर्तमान में इसके कार्ड रिचार्ज और टोकन बिक्री नकदी के जरिये की जाती है।
रेल और बस टिकटों को पूरी तरह कैशलेस करने की तैयारी में सरकार
