मुंबई,राजकुमार राव कम समय में बॉलीवुड में एक अलग पहचान बना चुके हैं। एक के बाद एक अपनी परफॉर्मेंस के दम पर उन्होंने साबित कर दिया है कि टैलेंट का सिक्का चलता है। हर डायरेक्टर की पसंद बन चुके राजकुमार साउथ से नहीं बल्कि दिल्ली से सटे गुड़गांव से हैं। उस वक्त गुड़गांव इतना मॉडर्न और हाईटेक नहीं हुआ करता था। बचपन से ही राजकुमार का झुकाव एक्टिंग की तरफ था। लेकिन राजकुमार ने एक्टिंग के लिए पढ़ाई बीच में नहीं छोड़ी। उन्होंने दिल्ली यूनीवर्सिटी से पढ़ाई की और एफटीआईआई पुणे का क्वालिफाई एग्जाम भी पास किया था। कहा जाता है कि कॉलेज के दिनों में राजकुमार दिल्ली में प्ले में काम करने के लिए गुड़गांव से साइकिल पर आते थे। वह क्षितिज रेपर्टरी और श्रीराम सेंटर के साथ प्ले करते थे।राजकुमार ने फिल्मी करियर की शुरुआत भले ही फिल्म ‘लव सेक्स और धोखा’ (2010) से की लेकिन वह अपने करियर में फिल्म ‘काय पो छे’ (2012) को अहम मानते हैं। इस फिल्म को लीड एक्टर होने के नाते भले ही सुशांत सिंह राजपूत के साथ प्रमोट किया गया। लेकिन अपनी परफॉर्मेंस के दम पर राजकुमार ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई और बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्म फेयर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हुए थे। आपने शायद नोटिस किया हो या नहीं लेकिन उन्होंने फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर-2’ में एक कैमियो किया था।
राजकुमार राव साइकिल चलाकर दिल्ली आते थे
