भोपाल,भारत भवन में प्रख्यात रंगकर्मी बव कारंत की पुण्य तिथि के अवसर पर पांच दिन तक चलने वाला आदरांजलि कार्यक्रम शुरू हुआ। शुक्रवार को तीन कार्यक्रम आयोजित किये गए। जिसमें कारंत पर केंद्रित प्रदर्शनी आयाम के साथ ही साहित्यकार ऋषिकेश सुलभ ,महेश आनंद और नाट्य निर्देशक राजीव वर्मा के वक्तव्य हुए। सुलभ का कहना था कि कारंत जैसे व्यक्तित्व पर कुछ भी बोलना आसान नहीं होता है। क्योंकि वह अपनी रचनात्मकता के मापदंड खुद ही बार-बार तोड़ते थे। उन्होंने उन्हें अपने समय का उन्हें सबसे बैचैन नाट्यकार बताया और कहा कि वह हठी भी थे जो अपने हठ बार-बार तोड़ दिया करते थे। जबकि प्रदर्शनी वाले आयाम में कारंत के नाटकों में उपयोग की जाने वाली वस्तुओं का प्रदर्शन किया गया। कारंत से सम्बंधित चित्रों का भी प्रदर्शनी में दिखाया गया है। यूपी के नक्कारा ,पंजाब के नगाड़ा दक्षिण के मृदंग का भी प्रदर्शन किया गया है।