चंडीगढ़,बलात्कारी गुरमीत राम रहीम को तो 20 साल की सज़ा हो गई है, लेकिन हत्यारे राम रहीम को अब तक सजा नहीं दी जा सकी है। अब सवाल पूछा जा रहा है कि डेरे के पूर्व मैनेजर फकीरचंद और एक स्थानीय समाचारपत्र के संपादक रामचंद्र छत्रपति को इंसाफ़ कब मिलेगा। ये दोनों मामले इस समय अदालत में विचाराधीन हैं। ढ़ोगी बाबा राम रहीम के खिलाफ सात समंदर पार एक गवाह ऐसा भी है, जिसका बयान किसी के भी रोंगटे खड़े कर देगा। यह कोई और नहीं, बल्कि राम रहीम का पूर्व बॉडीगार्ड बेअंत सिंह है, जो हत्या की अनेक घटनाओं का चश्मदीद गवाह भी है। बेअंत सिंह ने बताया कि ढ़ोगी बाबा सिरसा डेरे के भीतर मर्डर की फैक्ट्री चलाता था।
उन्होंने कहा पहले पहल मुझे खुद विश्वास नहीं हुआ कि बाबा इतना खतरनाक भी हो सकता है। बाहरी दुनिया में उसे पूजा जाता था, लेकिन उसकी असली तस्वीर यही थी। बाबा ने डेरे के भीतर एक क़त्लखाना बना रखा था, जहां वह अपने विरोधियों को ठिकाने लगाता था। इस स्थान को राम रहीम ने मानव सुधार केंद्र का नाम दिया हुआ था। राम रहीम की गुफा के पास एक कमरा था, जिसमें एक ही दरवाज़ा था। राम रहीम के विरोधी इस कमरे में जाने के बाद कभी वापस नहीं लौटते थे। बेअंत सिंह ने बताया कि यहां लाए गए लोगों को पहले प्रताड़ित किया जाता था। उनसे पूछताछ की जाती थी और इसके बाद गोली मार कर उनकी हत्या कर दी जाती थी। हत्या के बाद शव को वहीं दफना दिया जाता था। इन दिनों में लंदन में रह रहे बेअंत सिंह ने बताया कि राम रहीम एक खुंखार हत्यारा था और सिरसा का डेरा शमशानघाट। उन्होंने कहा डेरा प्रमुख की नाफ़रमानी का मतलब सीधे मौत था। बेअंत सिंह ने बताया कि डेरे के भीतर नरसंहार के सभी सबूत दफन हैं। उन्होंने दावा किया कि वहां खुदाई करने पर सैकड़ों लोगों की लाशें निकलेंगी। बेअंत सिंह के खुलासे राम रहीम के असली चेहरे को बेनकाब करते हैं। राम रहीम और उसके गुर्गों का ख़ूनी खेल बरसों से जारी था।
राम रहीम के पूर्व बॉडीगार्ड बेअंत सिंह ने कहा डेरे के भीतर हत्या की फैक्ट्री चल रही थी
