नई दिल्ली,केंद्र सरकार ने पाकिस्तान और चीन के साथ लगातार बढ़ते तनाव के बीच सेना में आजादी के बाद सबसे बड़े सुधार को हरी झंडी दे दी है। इसके तहत अधिकारियों, जूनियर कमीशन अधिकारियों और अन्य रैंक के ५७ हजार पदों का पुनर्नियोजन किया जाएगा। इसके अलावा सेना के अनावश्यक विभागों को बंद किया। एक ही तरह के काम में लगे विभागों को एक साथ मिलाया जाएगा। रक्षामंत्री अरुण जेटली ने इसके लिए लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर) डॉ.डीबी शेखटकर समिति की कई सिफारिशों को लागू करने को मंजूरी दी। सरकार का यह फैसला न सिर्फ रक्षा बजट के बेहतर इस्तेमाल का रास्ता साफ करेगा, बल्कि सेना में ‘टीथ टू टेल रेशो’ को भी सुधारेगा। ‘टीथ टू टेल रेशो’ सेना में इस्तेमाल होने वाला एक टर्म है, जिसका मतलब होता है सीमा पर तैनात हर सिपाही के लिए आवश्यक समान पहुंचाने या उसके सहयोग के लिए तैनात अन्य लोगों का अनुपात। सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों में शांति वाले क्षेत्रों में सेना के मिलिट्री फॉर्म को बंद करने का भी है। इन फॉर्मों को राज्य सरकारों या भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद को भी सौंपा जा सकता है। साथ ही मिलिट्री के पोस्टल विभाग को भी बंद किया जाएगा। एनसीसी को और सशक्त बनाया जाएगा। तमाम सिग्नल रेजिमेंट को एक साथ किया है। जेटली से पूछा गया कि क्या सरकार यह फैसला डोकलाम विवाद को देखते हुए कर रही है, तो उनका जवाब था कि समिति का गठन पहले ही हुआ था। इसकी सिफारिशों पर डोकलाम विवाद से पहले से विचार हो रहा है।