भोपाल,कम सुविधा एवं छोटे नेशनल पार्क और अभयारण्यों तथा संरक्षित वन क्षेत्रों में अब कम किराया देना होगा। किराए की नई दरें एक अक्टूबर से लागू की जा रही हैं। सालभर में इन नेशनल पार्क और अभयारण्यों में दस लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं। हालांकि छोटे या वन्यप्राणियों की कम संख्या वाले अभयारण्य और नेशनल पार्कों में प्रवेश शुल्क ज्यादा होने के कारण पर्यटकों की संख्या लगातार घट रही है। इनमें पर्यटन बढ़ाने के लिए विभाग ने शुल्क कम करने का निर्णय लिया है। विभाग के इस प्रस्ताव का प्रशासकीय अनुमोदन हो गया है और जल्द ही नए नियम जारी किए जा रहे हैं। वहीं पार्क के फील्ड डायरेक्टरों को निर्देश भेजे जा रहे हैं। वन विभाग ने प्रदेश के सभी 10 नेशनल पार्क (टाइगर रिजर्व) और 25 अभयारण्यों को छह श्रेणी में बांट दिया है। इनमें श्रेणी के घटते क्रम के हिसाब से दर तय की गई है। छठवीं श्रेणी में चिड़ियाघरों (वन विहार, रालामंडल, मुकुंदपुर) को रखा है, जिनका किराया इस साल नहीं बढ़ाया गया है।
उल्लेखनीय है कि बारिश के चलते वर्तमान में चिड़ियाघर छोड़कर सभी नेशनल पार्क और अभयारण्यों में पर्यटन बंद हैं। इनमें एक अक्टूबर से पर्यटन शुरू होगा। सभी संरक्षित क्षेत्रों का प्रवेश शुल्क श्रेणी के हिसाब से घटते क्रम में तय होगा। विभाग ने इसके लिए फॉर्मूला तैयार किया है, जिसके आधार पर इन क्षेत्रों में किराया तय किया जाएगा। टाइगर रिजर्व में हल्के वाहन या मिनी बस से सफर करने के लिए एक सीट के 250 रुपए लिए जाएंगे, लेकिन दूसरी श्रेणी के संरक्षित क्षेत्र में यही शुल्क 200 रुपए हो जाएगा। जबकि चौथी श्रेणी में जाकर ये शुल्क सिर्फ 50 रुपए रह जाएगा। रिजर्व में घूमने के लिए अधिकतम 6 पर्यटकों के लिए जीप की बुकिंग कराने पर 1500 रुपए देने पड़ेंगे। संरक्षित क्षेत्रों में निजी वाहन से जाने की इच्छा रखने वाले पर्यटकों को अलग दर से शुल्क देना होगा। दोपहिया वाहन से एक हजार, ऑटो रिक्शा से तीन व्यक्ति तक दो हजार रुपए, कार-जीप व जिप्सी से छह लोगों तक तीन हजार और बस या मिनी बस से जाने पर छह हजार रुपए लगेंगे। हालांकि ये सुविधा अभी सिर्फ सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में ही है।