बिहार कांग्रेस संकट पर सोनिया ने की बैठक

नई दिल्ली, बिहार कांग्रेस में फुट की आशंका के मद्देनज़र पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी और बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, सीपी जोशी के अलावा बिहार कांग्रेस के नेता सदानंद सिंह और अशोक चौधरी मौजूद थे।
बिहार कांग्रेस के विधायकों में से कुछ के जेडीयू के साथ जाने की आशंका बनी हुई है जिसको लेकर पार्टी अध्यक्ष चिंतित हैं। सोनिया गांधी ने बिहार कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं सदानंद सिंह और अशोक चौधरी को दिल्ली तलब किया था। सिंह जहां विधायक दल के नेता हैं वहीं चौधरी न केवल पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष पिछले कई सालों से हैं बल्कि महगठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं।
दिल्ली में पार्टी नेता इस आशय की खबर से परेशान हैं कि राज्य के 27 विधायकों में से कम से कम 18 नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड के साथ कभी भी जा सकते हैं। पार्टी के दो वरिष्ठ महासचिव गुलाम नबी आजाद और अहमद पटेल ने विधायकों को रोकने की कमान खुद सम्भाल रखी है। बिहार कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि पार्टी के 27 विधायकों में से अधिकांश का मत है कि राष्ट्रीय स्तर पर लालू यादव के साथ रहना पार्टी की मजबूरी हो सकती है लेकिन विधायक अपने क्षेत्र में कैसे लालू का बचाव करें, आलाकमान यह समझने के लिए तैयार नहीं है। इन विधायकों का मानना है कि लालू का आधारभूत वोट उन्हें मिले या नहीं लेकिन उनके अपने जाति के वोट शायद ही लालू यादव के साथ रहते हुए मिलें। इस बात का पूरा अंदाजा उन्हें अभी से है। बगावत पर उतारू अधिकांश विधायक ऊंची जाति से हैं।
विद्रोह पर उतारू विधायकों का मानना है कि लालू ने कभी भी गठबंधन में उन्हें सम्मानजनक स्थान न तो विधानसभा चुनाव में और न ही लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे में दिया। साथ ही राज्य कांग्रेस के नेताओं के प्रति उनका व्यवहार भी कभी सम्मानजनक नहीं रहा। वहीं नीतीश कुमार के साथ उनका अनुभव इसके विपरीत रहा। नीतीश ने न केवल लालू यादव के दबाव के बावजूद 2015 के चुनाव में 40 सीटें दीं बल्कि चुनाव प्रचार में भी कोई कसर नहीं रहने दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *