भोपाल, मध्यप्रदेश में किसानों को उपज का उचित मूल्य दिलाने ने के लिये सरकार ने भावान्तर भुगतान योजना लागू कर दी है। यह योजना पायलेट आधार पर खरीफ-2017 के लिये लागू की गई है। किसान-कल्याण एवं कृषि विभाग मध्य प्रदेश ने योजना लागू की है।
क्या है भावांतर योजना –
किसान अगर अपनी अधिसूचित फसल को मण्डी में बेचता है तो राज्य शासन ने घोषित मॉडल विक्रय कर एवं भारत सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर की राशि किसानों को भुगतान किया जायेगा।
यह फसल शामिल की गई –
खरीफ-2017 में सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग, उड़द एवं तुअर की फसलें भावांतर योजना में लागू की गई हैं।
किसान कब बेच पाएंगे फसल
तूअर : 1 फरवरी-2018 से 30 अप्रैल-2018
सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग और उड़द के लिये 16 अक्टूबर-2017 से 15 दिसम्बर-2017 तक
ऐसे तय होगा भावांतर
मॉडल विक्रय दर की गणना मध्यप्रदेश तथा दो अन्य राज्यों की मॉडल विक्रय दर का औसत होगा। योजना का लाभ जिले में विगत वर्षों की फसल कटाई प्रयोगों पर आधारित औसत उत्पादकता के आधार पर उत्पाद की सीमा तक ही देय होगा।
प्रदेश के किसानों को देय राशि की गणना में प्रावधान किया गया है कि यदि किसान द्वारा मण्डी समिति परिसर में विक्रय की गयी अधिसूचित फसल की विक्रय दर न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम किन्तु राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल विक्रय दर से अधिक हुई तो न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा किसान द्वारा विक्रय मूल्य के अंतर की राशि किसान के खाते में ट्रांसफर की जायेगी। यदि किसान द्वारा मण्डी समिति परिसर में विक्रय की गयी अधिसूचित फसल की विक्रय दर राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल विक्रय दर से कम हुई तो न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा मॉडल विक्रय दर के अंतर की राशि ही किसान के खाते में ट्रांसफर की जायेगी। भावान्तर भुगतान योजना में मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ/मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन द्वारा पात्र किसानों को भुगतान किया जायेगा। भावान्तर भुगतान योजना में निर्धारित विक्रय अवधि के बाद विक्रय अवसर प्रदान करने के लिये भावान्तर भुगतान योजना में निर्धारित विक्रय अवधि के बाद तुअर के लिये एक मई-2018 से 30 अगस्त-2018 और सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग, उड़द एक जनवरी-2018 से 30 अप्रैल-2018 तक किसान द्वारा लायसेंसयुक्त गोदाम में अपने कृषि उत्पाद रखे जाने के लिये गोदाम क्रय राशि किसानों को दिये जाने का भी निर्णय लिया गया है। यह राशि निर्धारित भण्डारण अवधि में मॉडल विक्रय दर, न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम रहने की स्थिति में 7 रुपये प्रति क्विंटल प्रति माह अथवा जो वास्तविक भुगतान किया गया है, दोनों में से जो भी कम हो, की दर से ऐसे किसानों के बैंक खाते में राशि जमा करवायी जायेगी।
फसल बेचने की अवधि मॉडल विक्रय दर गणना के लिये राज्य
सोयाबीन 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर तक महाराष्ट्र, राजस्थान
मूंगफली 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर तक गुजरात, राजस्थान
तिल 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर तक उड़ीसा, छत्तीसगढ़
रामतिल 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर तक पश्चिम बंगाल, राजस्थान
मक्का 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर तक कर्नाटक, महाराष्ट्र
मूंग 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर तक राजस्थान, महाराष्ट्र
उड़द 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर तक राजस्थान, उत्तरप्रदेश
तुअर 1 फरवरी से 30 अप्रैल तक महाराष्ट्र, गुजरात