इन्दौर, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उसके सहयोगी संगठन धर्म का दुरूपयोग कर रहे है। धर्म के नाम पर आडम्बर और गलत प्रचार करके ये लोग जो राजनीति कर रहे है, हम इसका विरोध करते है। इनसे लड़ाई लड़ने के लिए ही सांझा विरासत की आवश्यकता है और सांझा विरासत ही मोदीजी को 2018 में शिकस्त देगी।
यह बातें म.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को इन्दौर में ‘सांझी विरासत को बचाओ सम्मेलन’ को सम्बोधित करते हुए कहीं। इस मौके पर जेडीयू के बागी नेता शरद यादव, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी.राजा और अली अनवर सहित अनेक राजनीतिज्ञ मौजूद थे। दिग्विजय सिंह ने कहा कि विविधता में एकता ही देश की सबसे बड़ी शक्ति है। भारत जैसा कोई देश नहीं है, जहां अनेक जातियॉं, अनेक धर्म, अनेक भाषाऍं होते हुए भी हम सब आज भारत में एक है। देश की सबसे बड़ी ताकत हमारी विविधता में एकता है और इसे अगर कोई खंडित कर रहा है तो वो विचारधारा खंड़ित कर रही है, जिसने महात्मा गॉंधी की हत्या की। जो ब्रिटिश हुकुमत की फुट डालो और शासन करो की नीति को आज भी चला रही है।
दिग्विजय ने शरद यादव की तारीफ करते हुए कहा कि उप्र के घटनाक्रम के बाद पूरे देश की नज़र शरद यादव पर थी, कि जिस व्यक्ति ने अपने लोगों से झड़ा करके नीतिश कुमार को बनाया, वो क्या फैसला लेंगे? पूरा देश उनकी तरफ देख रहा था और उन्होंने यह साबित कर दिया कि सांझा विरासत ही इस देश को बचा सकती है। पूरे देश की उम्मीद और अपनी विचारधारा पर शरद यादव कायम रहे इसलिए वे बधाई के पात्र है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनसे पूछा जाता है कि क्या भाजपा या मोदी से लड़ने के लिए सबको इकठ्ठा होना पड़ा? मैंने कहा प्रश्न नरेन्द्र मोदी या भाजपा का नहीं है। ये प्रश्न है विचारधारा का। इस देश में वो विचारधारा, जो समाज, जाति या धर्म को जोड़ती है, वो देश पर राज करेगी या वो विचारधारा राज करेगी, जो देश और समाज को तोड़कर, फुटडालकर राजनीति करती है। इस विचारधारा की लड़ाई है, को व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है और इसी विचारधारा की लड़ाई लड़ने के लिए हम सब यहां इकठ्ठे हुए है।
:: मजबूती के साथ बात कहीं जायेंगी, तो मीडिया को भी मजबूरी में छापना पड़ेगा ::
राज्यसभा सदस्य अली अनवर जी के उस कथन पर, जिसमें उन्होंने कहा कि सांझा विरासत की ख़बर मीडिया छापेगी नहीं, दिग्विजय सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा कि ”ऐसा है कि आजकल यह जमाना पैकेज का हो गया है.. हर चीज़ में पैकेज.. अरे मीडिया को तो छोड़ दीजिए, आजकल तो साधु संतों का भी पैकेज चलता है। तो ये पैकेज के ज़माने में अगर कुछ मजबूती के साथ बात कहीं जायेंगी, तो मीडिया को भी मजबूरी में छापना पड़ेगा, दिखाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह ज़माना सोशल मीडिया का है, पहले जो हमारी संघ की विचाराधारा थी, उसको ट्रेनिंग मिलती थी कि कैसे अफवाहें फैलाई जाती थी। अब बहुत आसान हो गया है, सोशल मीडिया पर फेक न्यूज डाल दो, पूरे विश्व में बात फैल जायेगी। उन्होंने वर्ष 2013-14 के ग्वाटमाला में टैक्सी ड्रायवर की हत्या की एक घटना का उल्लेख भी किया। इस घटना का फेक वीडियो का उल्लेख करते हुए कहा कि लाखों लोगों ने उसे सच समझ लिया।
:: यह आंदोलन अब नहीं रूक सकता ::
दिग्विजय सिंह ने कहा कि शरद यादव का यह आंदोलन कहीं रूकना नहीं चाहिये। हमारे सामने चुनाव कोई मुद्दा नहीं है। मुद्दा है कि इस देश में सांझा विरासत रहेगी या नहीं रहेगी, जो हमारी बुनियाद है। दिग्विजय ने कहा कि इस देश में इसाई धर्म पहले यहां आया, बाद में यूरोप गया। इस्लाम धर्म आया, 400 साल से ज्यादा तक मुस्लिमों का राज रहा, लगभग 100 साल तक इसाइयों का राज रहा, लेकिन हमारा सनातन धर्म इतना कमजोर नहीं है, कि हम लोग किसी दूसरे धर्म का पालन कर लें। उन्होंने कहा कि हमारे सनातन धर्म की ही कुछ कमजोरियाँ है, कि छुआछुत आदि की वजह से हमारे कुछ लोगों ने धर्म का परिवर्तन किया। लेकिन धर्म का आडम्बर और धर्म का गलत प्रचार करके ये लोग जो राजनीति कर रहे है, हम इसका विरोध करते है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह सब जानते है कि इन्दौर शहर में भाजपा किस प्रकार से चंदा वसूली करती है, कहीं चुनरी यात्रा निकल रही है, कहीं भंडारा हो रहा है, तो कहीं कुछ हो रहा है। हमारे ”कलाकार” किसी को फोन करते है, कि भैया एक ट्रक चावल भिजवा देना, तो चेले बोलते है एक ट्रक तेल भिजवा देना। टैंकर से तो घी मांगते है। ये लोग चंदा वसूली करके अपना घर भी भरते है और नेता गिरी भी जमाते है। धर्म का दुरूपयोग कोई कर रहा है, तो आरएसएस और उसके 150 अन्य संगठन कर रहे है। इनसे लड़ाई लड़ने के लिए ही सांझा विरासत की आवश्यकता है और सांझा विरासत ही मोदीजी को 2019 में शिकस्त देगी।