बड़वानी, मध्यप्रदेश में नर्मदा घाटी के 40 हजार से अधिक डूब प्रभावित किसानों के पुनर्वास की लड़ाई लड़ रहीं नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर की अगुवाई में बडवानी की धान मंडी से ‘नर्मदा न्याय यात्रा’ की शुरूआत की गई। बुधवार को यात्रा के दूसरे दिन यात्रा की शुरूआत बड़वानी के राजघाट से की गई। मेघा पाटकर इस यात्रा के माध्यम से शिवराज सरकार की ‘जनविरोधी नीतियों’ के बारे में लोगों को बता रही हैं।
मेधा पाटकर ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे लोगों का दमन किया जा रहा है। किसानों के हितों के लिए संघर्ष कर रहे आंदोलन में शामिल लोगों को जेल में डाल दिया गया। उन पर हत्या के प्रयास, अपहरण जैसे मामले दर्ज किए गए। सरकार का यह रवैया चिंताजनक है। प्रभावितों को टीन शेड में बसाया जा रहा है। यह वायदे के खिलाफ है। ज्ञात हो कि सरदार सरोवर बांध की उंचाई बढ़ाए जाने से 40 हजार परिवारों के डूब में आने का खतरा पैदा हो गया है। इन परिवारों के बेहतर पुनर्वास की मांग को लेक मेधा पाटेकर ने आंदोलन शुरू किया है। इससे पहले मेधा ने प्रभावित लोगों के उचित पुनर्वास के लिए बेमियादी उपवास शुरू किया था। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर 16 दिन तक जेल में रखा गया। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने मंगलवार से ‘नर्मदा न्याय यात्रा’ की शुरूआत की।