पटना,बेनामी संपत्ति मामले में आयकर विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से पूछताछ की। आरजेडी प्रमुख की 150 से अधिक बेनामी संपत्तियों पर जांच एजेंसी का शिकंजा कसता दिख रहा है। बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद सत्ता से बेदखल हुए तेजस्वी पर एजेंसियों ने शिकंजा कस दिया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी के खिलाफ बेनामी संपत्ति का केस दर्ज हो चुका था। ज्ञात रहे कि खुद को निर्दोष बताने के लिए तेजस्वी ने दलील दी थी कि जब इन बेनामी संपत्तियों का कथित तौर पर अधिग्रहण किया गया, तब उनकी उम्र 14-15 वर्ष रही होगी।
हालांकि बेनामी संपत्ति लेनदेन (निषेध) कानून 1988 और 2016 में हुए संशोधनों में बेनामीदार की उम्र को कोई महत्व नहीं दिया गया है। लेकिन 1988 ऐक्ट और बाद में हुए संशोधनों में यह साफ है कि बेनामी संपत्ति को केंद्र सरकार जब्त कर सकती है। 1988 के कानून और 2016 के संशोधन बेनामी संपत्ति के जब्ती को लेकर स्पष्ट हैं। संशोधन बेनामी संपत्ति की खरीद-बिक्री करने वालों के खिलाफ सजा का प्रावधान जोड़ता है।
बेनामी संपत्ति की खरीद और बिक्री से जुड़े लोगों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान 2016 में किया गया था और इसमें व्यक्ति के उम्र की चर्चा नहीं की गई है। बेनामी संपत्ति कानून के तहत एक से सात साल तक की कैद और संपत्ति के बाजार मूल्य के 25 फीसदी तक जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर बेनामीदार, अथॉरिटीज को गलत जानकारी देता है तो छह महीने से 5 साल तक की सजा हो सकती है।