आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, गरीबों से मोलभाव ठीक नहीं- मोदी

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 35वीं बार मन की बात की। मोदी ने हरियाणा में हुई हिंसा कहा- आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती। यह हिंसा ना ही देश बर्दाश्त करेगा और ना ही सरकार। ये देश गांधी और बुद्ध का है। कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है। हर किसी को कानून के सामने झुकना होगा, कानून जवाबदेही तय करेगा और दोषियों को सजा दे के रहेगा।
कंप्यूटर से नहीं, मैदान में खेलें
मोदी ने कहा- नौजवान खेल पर ध्यान दें, कम्प्यूटर के बजाय खुले मैदान में खेलें। अब माता-पित बच्चों को खेल की ओर प्रोत्साहित करें। मोदी ने कहा-पहले बेटे से मां कहती थी कब आओगे, अब मां कहती है बाहर कब जाओगे। बच्चों में मैदान में खेलने की प्रवृत्ति कम होती जा रही है। मैदान में खेलना, कंप्यूटर के प्ले-स्टेशन से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। हम खेल को बढ़ावा देने के लिए विशेष पोर्टल लाएंगे।
मेहनतकश गरीबों से मोलभाव न करें
मोदी ने पुणे की अपर्णा का खास तौर पर आभार प्रकट किया। अपर्णा ने मोदी से मोहल्लों में सामान बेचने वाले गरीबों की समस्याओं को उठाने का आग्रह किया था। मोदी ने कहा कि जब हमारे घर के आस-पास कोई सामान बेचने के लिए आता है तो हम उससे दो-चार रुपये के लिए मोल भाव करते हैं, जबकि बड़े-बड़े रेस्टोरेंट में आसानी से बड़े-बड़े बिल अदा कर देते हैं। ऐसे में हम गरीब से मोल-भाव करते हैं, जो कि उसे पीड़ा पहुंचाती होगी। वास्तव में इन दो-चार रुपये से आपके जीवन में कोई फर्क नहीं पड़ता होगा, लेकिन इससे गरीब के जीवन पर असर पड़ता है।
यह भी कहा
– मैं देशवासियों को गणेश चतुर्थी, ईद-ऊल-जुहा और ओणम की बधाई देता हूं
-हर त्योहार में साफ-सफाई का भी ध्यान देना चाहिए
– देश के त्योहार पर्यटन को बढ़ावा दे रहे हैं
-गांधी जयंती से पहले सफाई की मिसाल कायम करें
-जमीयत उलेमा हिंद ने गुजरात में बाढ़ के बाद सफाई में बहुत बड़ा योगदान दिया
-मेहनतकश लोगों से ज्यादा मोलभाव न करें
-नाविका सागर परिक्रमा अभियान पर जाने वाली भारतीय नौ सेना की छह बेटिओं पर देश को नाज है
-जीवन में बदलाव के लिए शिक्षक जरूरी, टीच टू ट्रांसफॉर्म के साथ आगे बढ़ें
-प्रधानमंत्री जन धन योजना की पूरे विश्व में चर्चा हो रही है
-3 साल में सरकार ने हर व्यक्ति को वित्तीय सिस्टम का हिस्सा बनाया
– रुपे कार्ड से गरीब में एक सम्मान का भाव पैदा हुआ है
-प्रधानमंत्री जन-धन योजना में गऱीबों के द्वारा कऱीब 65 हज़ार करोड़ रुपया बैंकों में जमा

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