अल्का पालीवाल हत्याकांड में पुलिस की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल

इटारसी, हाई प्रोफाईल अल्का पालीवाल की चलती कार में नृशंस हत्या व शव को ताकू प्रूफ रेंज के घने जंगल में फेकने के मामले दिया था। मालवीयगंज में रहने वाली अल्का मालवीय (55) घर से निकलने के बाद 14 अगस्त की शाम से लापता थी। इसी दिन शाम करीब साढ़े 7 बजे रेलवे पुट ओवर ब्रिज से 12 बंगले की तरफ जाते हुए अंतिम बार देखा गया था। रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज में वह दिखाई दी थी। वहीं अल्का अंतिम बार सराफा कारोबारी दिनेश गोठी से मोबाईल पर चर्चा की थी। इसी के आधार पर ही पुलिस जांच कर ही थी। मामले में पुलिस का मुख्य आरोपी दिनेश गोठी के प्रति लचीला व्यवहार नजर आया। पुलिस 24 घंटे की रिमांड पर गोठी को लेने के बाद भी कुछ खास नहीं उगलवा सकी। गुरूवार शाम तीनों आरोपियों को होशंगाबाद जेल भेज दिया गया। अब अहम् सबूतों को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है,मसलन क्या अंतिम बार मृतका को आरोपी के साथ गाड़ी में बैठते हुए जिस व्यक्ति ने देखा है उसकी पुलिस ने गवाही ली है क्या ? उसे गवाह बनाया है क्या ? जिस चलती गाड़ी में अल्का की गला घोंटकर हत्या की गई उसकी फॉरेंसिक जांच कराई है क्या ? आरोपी गोठी के मोबाईल की कॉल डिटेल निकलवाई है क्या ? संपूर्ण घटना के सीसीटीवी फुटेज लिये है क्या ? जिस फोन नंबर से आरोपी गोठी और मृतका के बीच निरंतर बातचीत होती थी उसकी कॉल डिटेल निकलवाई है क्या ? इस दौरान विगत 6 माह में गोठी को किन किन लोगों ने दबाव डालकर ब्लेकमेल किया है क्या ? करीब 15 साल के अंतरंग संबंधों के चलते सराफा व्यापारी का 25 लाख रूपयों की मांग पर महिला की हत्या करना लोगों के गले नहीं उतर रहा या कुछ और गंभीर मामला है जो पुलिस की पकड़ तक नहीं हो पा रहा।

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