व्यापम महाघोटाला-पीएमटी फर्जी में दो साल्वरों को सजा

भोपाल, प्रदेश में व्यापमं महाघोटाले के जरिए पीएमटी घोटाले की अभी सीबीआई जांच चल रही है। वही प्रदेश में पहली बार पीएमटी कांड में सॉल्वरों ग्वालियर कोर्ट से सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एके सिंह ने पीएमटी कांड के दो सॉल्वरों को दो अलग-अलग धाराओं में 2 व 3 साल की सजा सुनाई है। इस केस की सीबीआई को अतिरिक्त जांच करनी थी, लेकिन पुलिस की जांच पर ही ट्रायल पूरी करा दी। पीएमटी फर्जीवाड़े के सबसे ज्यादा आरोपी ग्वालियर.चंबल संभाग में हैं। सीबीआई की जांच की ट्रायलें अभी 10 फीसदी भी पूरी नहीं हुई हैं। मामले में मिली जानकारी के अनुसार व्यापमं ने 5 जुलाई 2009 को पीएमटी का आयोजन किया था। शरद कुमार व नितिन कुमार का सेंटर महाराज बाड़ा स्थित गोरखी स्कूल में पढ़ा था। शरद ने अपनी जगह धर्मेन्द्र सिंह और नितिन ने सूरज को परीक्षा देने के लिए बैठाए। फोटो नहीं मिलने पर दोनों पकड़े गए। हुजरात कोतलावी ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 419 व 420 के तहत केस दर्ज किया। कोर्ट में चालान पेश किया। विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में इस केस की ट्रायल चल रही थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह केस अतिरिक्त जांच के लिए सीबीआई को हैंडओवर हो गया, लेकिन सीबीआई ने इस केस की अतिरिक्त जांच नहीं की और पुलिस के चालान पर ट्रायल पूरी करा दी। सीबीआई की अधिवक्ता सुमन पांडे ने कोर्ट में तर्क रखा कि आरोपियों ने एक होनहार छात्र का हक मारा है। कोर्ट ने धर्मेन्द्र व सूरज को दोषी माना और सजा सुनाई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *