बाबा राम रहीम यौन शोषण के दोषी,28 को सजा का एलान,अंबाला सेंट्रल जेल भेजा

चंडीगढ़, एक गुमनाम खत पर लिए गए संज्ञान के करीब 15 साल बाद शुक्रवार को पंचकुला सीबीआई कोर्ट ने डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम को यौन शोषण का दोषी करार दिया है। इस फैसले के फौरन बाद उन्हें अंबाला सेंट्रल जेल ले जाने की प्रक्रिया की गई। दोष सिद्ध होने के साथ ही अगली सुनवाई 28 अगस्‍त की जाएगी, अत: समझा जा रहा है कि इसी दिन अदालत सजा सुनाएगी। फैसले के बाद शांति-व्यवस्था के लिहाज से पंचकुला में जहां पुलिस ने फ्लैग मार्च किया वहीं अनेक शहरों की बिजली काट दी गई और इंटरनेट सेवा भी वाधित कर दी गई।
इससे पहले बाबा राम रहीम अपने पूरे लावलश्कर के साथ सुबह 9.05 बजे सिरसा आश्रम से पंचकुला कोर्ट पहुंचे थे। जबकि सुनवाई के दौरान कोर्ट में केवल जज राम रहीम और स्‍टाफ ही मौजूद थे। मामले की सुनवाई के बाद जज जगदीप सिंह ने पूरा फैसला पढ़कर सुनाया।
यौन शोषण का मामला
ज्ञातव्य है कि गुमनाम पत्र के माध्यम से एक साध्वी ने डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम पर यौन शोषण सहित कई संगीन आरोप लगाए थे। पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम लिखा गया था, जिसकी प्रति पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को प्रेषित की गई थी। पत्र में आरोप लगाए गए थे कि पीड़िता पंजाब की रहने वाली है और सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में 5 साल से एक साध्वी के रूप में रह रही है। इसके साथ ही आरोप था कि अन्य साध्वियों का शोषण भी किया जा रहा है। यह घटना सन 1999 की थी और पत्र 2001 में लिखा गया, जबकि वर्ष 2002 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। तभी उच्च न्यायालय ने पत्र का संज्ञान लिया और सितंबर 2002 को मामले की सीबीआई जांच के आदेश भी दे दिए। सीबीआई की जांच में आरोप सही पाए गए और डेरा प्रमुख के खिलाफ विशेष अदालत के समक्ष 31 जुलाई 2007 में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इस प्रकार डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम के विरुद्ध सीबीआई ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर दर्ज किया था।
कोर्ट का फैसला होगा लागू: खट्टर
कोर्ट के फैसले के मद्देनजर कड़े सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए जा चुके हैं। हर हाल में कोर्ट का फैसला लागू करवाया जाएगा। इस आशय की बात हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर खट्टर ने डेरा समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला हम लागू कराएंगे। उन्‍होंने कहा कि पूरे राज्‍य में किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए पूरे इंतजाम किए जा चुके हैं। गौरतलब है कि इस पूरे मामले में जहां गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दोनों राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों से बात की थी वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कानून-व्‍यवस्‍था की जानकारी ली।
अराजकता बर्दाश्त नहीं: हाई कोर्ट
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने कानून व्‍यवस्‍था पर प्रशासन को कड़ा निर्देश जारी किया है और कहा है कि किसी भी तरह की अराजकता बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी। अदालत ने जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग करने के निर्देश भी दिए हैं। कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा कि कोई नेता पंचकुला न पहुंच पाए और यदि कोई नेता ऐसा करता भी है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करें। फैसला सुनाए जाने से पहले तमाम सुरक्षात्मक इंतजाम किए गए और निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का भी इस्तेमाल किया गया।

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