दो घण्टे के अन्तराल से दो गर्भवती महिलाओं की मौत,परिजनों ने किया हंगामा

अशोकनगर,जिला अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को दो गर्भवर्ती महिलाओं सहित उनके बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। जिसके बाद अस्पताल का माहौल तनावपूर्ण हो गया। महिलाओं की मौत से गुस्साएं परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा किया। घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस अस्पताल पहुंची व लोगों को समझाने का प्रायास किया लेकिन गुस्सा शांत नहीं हुआ और सभी लोग एकत्रित होकर कोतवाली पहुंच गए वहां पर थाना प्रभारी को एक लिखित आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई गई। यह जानकारी अपर कलेक्टर एके चांदिल को मिली वह भी कोतवाली पहुंच गए और मृतक के परिजनों को समझाया और करवाई का आश्वाशन दिया। इसके बाद परिजन जिला अस्पताल आ गए और पीएम कराया।
अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही रूकने का नाम नहीं ले रही है। डाक्टरों की गैरहाजिरी व नर्सों की लापरवाही के कारण गर्भवती महिलाओं को जान से हाथ धोना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक ग्राम मुहासा निवासी सुमन (22) पत्नि देवपाल यादव को खून की कमी होने के कारण 24 अगस्त को अस्पताल में भर्ती किया गया था। महिला के पेट में छह महीने का बच्चा था। लेकिन महिला के इलाज में लापरवाही बरती गई। इस दौरान डाक्टर ने भी गंभीरता नहीं दिखायी।बेहतर इलाज न होने के कारण उसकी स्थिति और यादा खराब होने लगी और गुरुवार रात के समय गर्भवती ने दम तोड़ दिया।मृतक महिला के पति देवपाल यादव ने बताया कि उसकी पत्नी की तबीयत खराब थी। बुधवार शाम को तबीयत यादा बिगड़ गई। इस दौरान अस्पताल में एक भी महिला डॉक्टर नहीं था। नर्सों के भरोसे उनकी पत्नी को छोड़ दिया। उन्होंने नर्सों पर भी इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टर डय़ूटी पर होते तो ऐसा नहीं होता। वहीं नर्सों ने भी इलाज ठीक से नहीं किया।
वही दूसरी घटना बाल्मीकि मोहल्ला निवासी रानी (35) पत्नि रामदास बाल्मीकि को प्रसव पीड़ा बढ़ने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसकी शुक्रवार सुबह मौत हो गई। महिला के पेट में 2 जुड़वा बच्चे थे। परिजनों से मिली जानकारी अनुसार गर्भवती महिला को जिला अस्पताल में सही उपचार न मिलते देख गुरुवार को गुना ले गए थे। लेकिन जिला अस्पताल से रिफर के कागज नहीं दिए गए। जिसकी वजह से गुना की जिला अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। इसके बाद महिला को गुना की निजी नर्सीग हॉम बालाजी एवं सहयोग में लेकर पहुंचे वहां भी डॉक्टरों ने भर्ती करने से मना कर दिया। इसके बाद गुना से वापिस अशोकनगर की आयुष्मान नर्सिंग हॉम लेकर पहुंचे। जहां पर भी तीन-चार घण्टे रुकने के बाद मेडम ने भर्ती करने से मना कर दिया। जिसके बाद गुरुवार रात्रि के समय वापिस जिला अस्ताल में भर्ती कर दिया। लेकिन भर्ती करने के बाद रात में कोई डॉक्टर देखने नहीं आया। शुक्रवार सुबह छह बच्चे के आसपास गर्भवती महिला ने गैलरी में ही एक बच्चे ने जन्म दिया। इसके बाद महिला को अन्दर ले गए जहां प्रसूदा और बच्चे दोनों की ही मौत हो गई। जिसके बाद महिला के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। उन्होंनें डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मेडम की लापरवाही के चलते प्रसूदा की मौत हुई है। जबकि लेडीज डॉक्टर का कहना है कि ऑपरेशन द्वारा डिलेवरी होनी थी और ऑपरेशन की कोई व्यवस्था नहीं और मैं ऑपरेशन करती नहीं हूं तो मेने रिफर कर दिया था। कुछ देर वाद देखते ही देखते जिला अस्पताल में काफी भीड़ इकठ्ठी हो गई। हंगामें की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस अस्पताल पहुंची उन्होंने भी परिजनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नर्सों व डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। काफी देर तक अस्पताल में हंगामे का माहौल बना रहा। इसके बाद पुलिस ने लोगों को समझाकर हंगामा शांत कराया व महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जब महिला का पोस्मार्टम कराया गया तो दूसरा बच्चा भी मृत निकला।
लोगों का कहना है कि इससे पहले भी ब्लाक में इस तरह से प्रसव पीड़ा में महिलाएं अपनी जान गंवा चुकी हैं। उन्होंने कहा किए जिला अस्पतालों में यदि संसाधन उपलब्ध हो जाते तो संभवता महिला की जान बचाई जा सकती थी। इस बारे में जिला चिकित्सालय के डॉक्टर शिवा कुड़ियाल का कहना है कि नियमित जांच न होने के कारण केस ािटिकल हो गया था। इस कारण महिला को रेफर किया गया था।

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