भोपाल,नियमों में ढील देते हुए करीब तीन सौ से ज्यादा प्राइवेट स्कूलों को मान्यता प्रदान कर दी गई। इन स्कूलों में हाई और हायर सेकंडरी स्कूल शामिल है। कुछ नियम स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री विजय शाह ने शिथिल किए, तो कुछ विभाग के कमिश्नर ने। इनमें से करीब सौ स्कूलों के पास फैकल्टी तक नहीं है। ऐसे स्कूलों को एक माह में फैकल्टी का इंतजाम करने को कहा गया है। यह अवधि 10 सितंबर को पूरी होगी। ऐसे में शिक्षाविदों का कहना है कि सितंबर में अगर फैकल्टी रखी जाएगी, तो पढ़ाई कब होगी। अगर इस तरह से स्कूल चलाने हैं तो मान्यता के मापदंडों की जरूरत ही क्या है। गौरतलब है कि मान्यता अपील समिति की बैठक इसी माह हुई थी। मंत्री शाह करीब पांच घंटे लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) में रहे और सभी प्रकरणों का निराकरण किया। सूत्र बताते हैं कि अपील प्रकरणों की सुनवाई जनसभा की तरह हुई और एक झटके में एक जैसी कमी वाले स्कूलों को मान्यता दे दी गई। अलग तरह की समस्या वाले कुछ प्रकरणों की सुनवाई देर शाम तक की गई।
सूत्र बताते हैं कि मान्यता अपील समिति की बैठक में आए प्रकरणों को निपटाने के लिए ताबड़तोड़ निर्णय लिए गए। कॉमर्स, कृषि, साइंस, आर्ट्स और होम साइंस की फैकल्टी न होने के कारण संभाग स्तर से करीब सौ प्रकरण निरस्त किए गए थे। अपील समिति के अध्यक्ष एवं मंत्री शाह ने यह कहते हुए मान्यता दे दी कि अगले एक महीने में भर्ती कर लेना। इससे पहले डीपीआई के कमिश्नर दुबे मान्यता में आड़े आ रही छोटी-छोटी शर्तें (टॉयलेट हैं या नहीं, नियमित सफाई होती है या नहीं आदि) शिथिल कर चुके थे। प्राइवेट स्कूल संचालकों की नाराजगी के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक एकड़ भूमि की शर्त खत्म कर दी है। इस शर्त के खत्म होने से प्रदेश के दो सौ से ज्यादा वे स्कूल मान्यता के लिए पात्र हो गए। जिनके आवेदन खारिज कर दिए गए थे, अब उन्हें भी मान्यता दे दी गई है। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुकर्जी का कहना है कि वैसे तो संबंधित स्कूल समयसीमा में फैकल्टी रख लेंगे। ऐसा नहीं होता है तो उनकी मान्यता खत्म की जाएगी। इसके बाद प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों को दूसरे स्कूलों में एडमिशन दिलाना संबंधित स्कूल की जिम्मेदारी होगी। ऐसे छात्रों को प्राइवेट के तौर पर परीक्षा में नहीं बैठाया जाएगा।
तीन सौ से ज्यादा स्कूलों को दे दी मान्यता,नियम कर दिए शिथिल
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