नई दिल्ली, रेलवे बोर्ड का अध्यक्ष बनने के कुछ ही घंटों बाद अश्विनी लोहानी ने कर्मचारियों को संगठन की ताकत बताते हुए कहा कि वे साथ मिलकर ‘वीआईपी संस्कृति’ को बदलेंगे और भारतीय रेलवे में ‘काम की संस्कृति’ लाएंगे। एक के बाद एक हुए दो रेल हादसों के बाद एके मित्तल के रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद लोहानी को गुरुवार को रेलवे बोर्ड का नया अध्यक्ष बनाया गया है।
कर्मचारियों के साथ अपनी पहली बातचीत में उन्होंने कहा, हमारे कर्मचारी ही हमारी ताकत हैं। हमें उनके साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। इससे रेलवे को ज्यादा प्रभावी बनाया जा सकेगा। हमें अपनी कार्य संस्कृति सुधारने और जमीनी स्तर पर कर्मचारियों से संवाद को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, हम रेलवे में प्रचलित वीआईपी संस्कृति को बदलेंगे। इसकी जगह भारतीय रेलवे में काम की संस्कृति को प्रोत्साहन देंगे। समर्पित कार्यसंस्कृति का प्रसार रेलवे के हर कर्मचारी के बीच करना है। तभी हम रेलवे को वर्तमान संकटों से बाहर निकाल पाएंगे।
बैठक में मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि वह ‘अनावश्यक प्रोटोकॉल’ को पसंद नहीं करते हैं। उदाहरण देते हुए लोहानी ने कहा कि जब भी वह या कोई अन्य वरिष्ठ अधिकारी किसी स्टेशन का निरीक्षण करने जाए, तो वह नहीं चाहते कि समूचा ब्रांच ऑफिस उनसे मिलने के लिए पहुंच जाए। लोहानी ने कहा कि वह चाहते हैं कि मंत्रालय अनावश्यक खर्च और खासतौर पर गुलदस्ता संस्कृति से परहेज करे। उन्होंने कहा, हमें अपने काम में पारदर्शिता लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लोहानी ने कहा सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
काम की संस्कृति से होगा रेलवे का उद्धार : लोहानी
