हाउसिंग बोर्ड को वादे से मुकरना भारी पडा,उपभोक्ता फोरम ने दिए 15 फीसदी ब्याज देने का आदेश

भोपाल,मप्र हाउसिंग बोर्ड को अपने वादे से मुकरना भारी पड़ गया। हाउसिंग बोर्ड ने करार के मुताबिक तीन साल में फ्लैट बनाकर नहीं दिया। इसके बाद उपभोक्ताओं ने जिला उपभोक्ता फोरम में गुहार लगाई। फोरम ने हाउसिंग बोर्ड को फ्लैट की बुकिंग के 36 महीने बाद से पूरी जमा राशि पर पजेशन देने तक 15 फीसदी ब्याज देने का आदेश दिया है। फोरम ने इसे सेवा में कमी माना है। सूत्रों के मुताबिक, कीलनदेव टावर में फ्लैट बुक करने वाले अमित जैन सहित छह उपभोक्ताओं ने फरवरी 2017 में फोरम में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया कि बोर्ड ने अक्टूबर 2013 में फ्लैट का पजेशन देने का आश्वासन दिया था लेकिन अब तक पजेशन नहीं मिला। वे बैंक की किस्त भी भर रहे हैं और मकान का किराया भी देना पड़ रहा है। एडवोकेट मोहन चौकसे के मुताबिक फोरम ने छह महीने तक मामले की सुनवाई की।
फोरम के अध्यक्ष आलोक अवस्थी और सदस्य श्रीमती क्षमा चौरे ने फैसला देते हुए मप्र हाउसिंग बोर्ड को उपभोक्ताओं को समय पर पजेशन न देने को सेवा में कमी माना और मानसिक पीड़ा के लिए 15 फीसद ब्याज देने का फैसला सुनाया। 20 लाख रुपए तक की शिकायत जिला उपभोक्ता फोरम में की जा सकती है। वहीं एक करोड़ रुपए तक की शिकायत राज्य उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग में और इसके ऊपर की शिकायत राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में की जा सकती हैं। मालूम हो कि कीलनदेव टावर में हो रही लेटलतीफी को लेकर ‘रेरा’ में शिकायत की गई है। जिसकी सुनवाई चल रही है। खरीददार शुभ्रा जैन ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि शिकायत में पजेशन नहीं मिलने के कारण 2012 से बैंक की किस्त भरने और मकान का किराया देने की बात कही गई है। कीलनदेव टावर के खरीदार हरीश बाधवानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी शिकायती पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि मामले में हस्तक्षेप कर निराकरण कराएं।

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