नई दिल्ली, बढ़ते रेल हादसों के बाद देश की जल्द ही नया रेलमंत्री मिल सकता है। बुधवार को रेल मंत्री सुरेभ प्रभु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इस्तीफा देना चाहा। सुरेश प्रभु ने रेल हादसों की जिम्मेदारी भी लीं। इस पर प्रधानमंत्री ने प्रभु को अभी इंतजार करने को कहा है। हालाकि सूत्रों का कहना है कि सुरेश प्रभु के इस्तीफे को प्रधानमंत्री स्वीकार कर सकते है। इससे साफ हो गया है कि कैबिनेट विस्तार में देश को नया मंत्री मिल सकता है। प्रभु के इस्तीफा की खबरें तब आई हैं, जबकि उत्तर प्रदेश के खतौली हादसे में उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमेंं 22 लोगों की मौत हो गई थी।
सूत्रों ने कहा की पीएम अब नितिन गडकरी को रेल मंत्रालय का प्रभार सौंप सकते हैं.हालाँकि प्रभु ने ट्वीट कर अपनी इस्तीफे की जानकारी को गोलमोल रखा है.लेकिन उनकी और से यह कहा जाना की पीएम ने और इन्तजार करने को कहा है,उससे ही उनके इस्तीफे की अटकलें लगाई गई हैं .
रेलमंत्री ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर अपना दर्द बयां किया। प्रभु ने लिखा- तीन साल से कम वक्त में मैंने अपना खून-पसीना रेलवे को सुधारने में लगाया। रेलवे के दशकों पुराने तंत्र को सुधारने की भरसक कोशिश की। नए भारत के लिए रेलवे बेहतर और आधुनिक बने इसलिए लिए मैंने बहुत प्रयास किए। रेलवे विकास की इसी लाइन पर आगे बढ़ रहा है, लेकिन हाल के हादसों से मैं बहुत दुखी हूं। कुछ यात्रियों को जान गंवानी पड़ी है।
एके मित्तल का इस्तीफा, अश्वनी लोहानी बने रेलवे बोर्ड के नए प्रमुख
अश्विनी लोहानी को रेलवे बोर्ड का नया चेयरमैन बनाया गया है। एके मित्तल के रेलवे बोर्ड के पद से इस्तीफा देने के बाद लोहानी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। बता दें कि अश्विनी लोहानी एयर इंडिया के सीएमडी की भी जिम्मेदारी पहले से संभाल रहे हैं। मालूम हो कि हाल ही में यूपी में पांच दिनों में हुए दो बड़े रेल हादसों के बाद रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
लाल बहादुर शास्त्री की राह पर प्रभु
नैतिक इस्तीफा देने वाले तीसरे रेल मंत्री
सुरेश प्रभु का इस्तीफा मंजूर कर लिया जाएगा तो हादसों की जिम्मेदारी के बाद इस्तीफा देने वाले तीसरे रेलमंत्री बनेंगे। उनसे पहले आजाद भारत के इतिहास में सिर्फ दो रेल मंत्रियों ने इस तरह इस्तीफा दिया है। एनडीए कार्यकाल के नीतीश कुमार भी इसी में शामिल हैं। हादसों के बाद नैतिकता के आधार पर इस तरह इस्तीफा देने वाले पहले रेल मंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री थे।
शास्त्री ने क्यों दिया था इस्तीफा
पंडित जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल में लाल बहादुर शास्त्री को रेलमंत्री बनाया गया था। तमिलनाडु के अरियालुर में 27 नवंबर 1956 को भीषण ट्रेन हादसा हुआ था। हादसे में करीब 142 लोगों की मौत हो गई थी। लालबहादुर ने हादसों की नैतिक जिम्मेदारी ली और इस्तीफा दे दिया।
43 साल बाद नीतीश कुमार ने दिया था इस्तीफा
शास्त्री जी के बाद नैतिक आधार पर इस्तीफा देने वाले रेलमंत्री बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी थे थे। बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में नीतीश एनडीए सरकार में रेलमंत्री बनाए गए थे। 1999 में गैसाल ट्रेन हादसा हुआ था। इस भीषण दुर्घटना में करीब 290 लोगों की मौत हो गई थी। इस तरह का इस्तीफा 43 साल बाद हुआ था।
ममता ने भी दिया था इस्तीफा
वाजपेयी के ही कार्यकाल में एनडीए की रेलमंत्री ममता बनर्जी ने भी दो रेल हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेकर 2000 में इस्तीफा दिया था। हालांकि तब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया था।
प्रभु के कार्यकाल के हादसे
नवंबर 2014 में प्रभु को मोदी ने रेलवे मंत्रालय सौंपा था। तब से अब तक 20 रेल हादसे हुए हैं जिनमें से 9 बड़े हादसे शामिल हैं।
– 13 फरवरी 2015 को शाम सात बजे बेंगलुरु-एर्नाकुलम इंटरसिटी एक्सप्रेस पटरी से उतर गई। 10 लोगों की मौत,154 जख्मी
– देहरादून-वाराणसी एक्सप्रेस 20 मार्च 2015 को राय बरेली में पटरी से उतरी, 58 की मौत, 150 घायल
– 25 मई 2015 को राउरकेला-जम्मू तवी मुरी एक्सप्रेस यूपी के कौशाम्बी में पटरी से उतरी, 5 मरे, 50 घायल
मध्य प्रदेश में हुआ था बड़ा हादसा
मध्य प्रदेश के हरदा जिले में 4 अगस्त 2015 को कामायनी और जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गईं। ये दोनों ही ट्रेनें एक के बाद एक और एक ही जगह पर दुर्घटनाग्रस्त हुईं। 31 लोगों की मौत हुई, जबकि करीब 100 लोग घायल हुए।
– सिकंदराबाद-लोकमान्य तिलक दुरंतो एक्सप्रेस कर्नाटक के कलबुर्गी में पटरी से उतरी हुई। 2 लोगों की मौत जबकि 7 घायल हुए।
– नैरो गेज ट्रेन शिवालिक क्वीन 12 सितंबर 2015 को पटरी से उतरी। इसमें 36 ब्रिटिश पर्यटक भी थे। 2 की मौत, 15 घायल
– 20 नवंबर 2016 को यह हादसा हुआ। इंदौर-पटना एक्सप्रेस कानपुर में हादसे का शिकार बनी। 150 की मौत
– जगदलपुर से भुवनेश्वर जाने वाली हीराखंड एक्सप्रेस विजयानगर में पटरी से उतरी। 41 लोग मारे गए जबकि 84 घायल हुए।
– 19 अगस्त को यूपी के खतौली में हादसे का शिकार हुई। 22 लोगों की मौत हुई। 35 घायल हुए।