पटना, बिहार में बाढ़ का कहर जारी है। दिनों दिन हालात बदतर होते जा रहे हैं। राज्य में बाढ़ से अब तक 341 लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ की वजह से बेघर हुए हजारों लोग अब भी राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 अगस्त को बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी के बाद सड़क मार्ग से पूर्णिया पहुंचे। इस दौरान उन्होंने राहत शिविरों का निरीक्षण किया। नीतीश कुमार आज रात पूर्णिया में ठहरेंगे और कल अररिया, कटिहार और किशनगंज का दौरा करेंगे।
बिहार के बाढ़ग्रस्त इलाकों में एनडीआरएफ की 27, एसडीआरएफ की 15 टीमों के अलावा सेना की छह टुकड़ियां राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। बुधवार को बाढ़ की विभीषिका ने 37 लोगों की जान ले ली। राज्य के 18 जिलों में डेढ़ करोड़ से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ का सबसे ज्यादा असर अररिया में देखा गया है, जहां अब तक बाढ़ की वजह से 57 लोगों की मौत हो चुकी है। बिहार में बाढ़ प्रभावित 18 जिलों के 7.61 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी बाढ़ की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। राज्य में बाढ़ के चलते मंगलवार को दस और लोगों की जान चली गयी। इसके साथ ही इस साल बाढ़ के कारण जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 82 हो गई है। राहत आयुक्त के कार्यालय ने बताया कि 25 जिलों के 2,855 गांव जलमग्न हैं। बाढ़ से 22 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों के राहत शिविरों में 50,000 लोगों ने शरण ले रखी है। इस स्थानों पर नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ की स्थिति में कोई सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा है।
दूसरी ओर, असम और पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिलों में जलस्तर में कमी आने से बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है। इन राज्यों से किसी के मरने की खबर नहीं है। असम में बाढ़ की स्थिति में सुधार होने से राज्य के बाढ़ प्रभावित 12 जिलों के लोगों को राहत मिली है। कुछ समय से बारिश नहीं होने से पश्चिम बंगाल के बाढ़ प्रभावित छह उत्तरी जिलों में स्थिति में सुधार आया है। इसके बाद लोगों ने अपने घरों की तरफ लौटना शुरू कर दिया है। राज्य में बाढ़ के कारण अब तक 152 लोगों की जानें जा चुकी हैं।