रायपुर,आंतकी और आंतकी फंडिग पर लगाम लगाने की मुहिम इन दिनों पूरे देश में शुरु हो चुकी है। घाटी में एनआईए आंतकी फंडिग की कमर तोड़ रही हैं तो वहीं छत्तीसगढ़ पुलिस ने भी पाक में आंतकी फंडिग करने वाले आधा दर्जन उन लोगों को पकड़ा है। यह सभी आरोपी पकिस्तान से फोन करवाकर भारत में टेरर फंडिंग करते थे। इस गैंग के सदस्य भारत के अलावा कुवैत और बांग्लादेश में रहते हैं, ये पकिस्तानी मोबाइल नंबरों का इस्तेलाम करते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से बैंक के 250 खाते,129 एटीएम कार्ड और 30 हजार कैश जब्त किया है। मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने छह आरोपियों को धर दबोचा है, उसमें बिहार के सिवान इलाके से गिरफ्तार किए गए शानू उर्फ़ सद्दाम (23), इकबाल खान (24), ओडिसा के बैरीपुर निवासी स्वपनजीत प्रशांत, पूरी से जन्मजय दास, केंद्रापाड़ा से नौशाद आलम और कोलकाता से कयूम शामिल हैं। ये सभी बैंक खाते फर्जी आईडी से खोले गए थे। इस बारे में जानकारी देते हुए दुर्ग रेंज के आईजी दीपांशु काबरा के मुताबिक, यह अंतरराष्ट्रीय गिरोह है, जो देश के कई हिस्सों में लोगों को अपना शिकार बनाता है, बैंक में इस गिरोह के विभिन्न खातों से 20 करोड़ से ज्यादा की रकम का ट्रांजैक्शन हुआ है। इसमें आधी रकम पकिस्तानी बैंकों के खाता धारकों को भेजी गई है, गिरोह के सदस्य वसूली के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते थे।
गिरोह के लोग उद्योगपतियों,व्यापारियों और आर्थिक रूप से संपन्न लोगों को जान से मारने की धमकी और परिवार के सदस्यों को अगवा किए जाने का संदेशा देकर अपने खातों में रकम डलवा लिया करते थे। पुलिस ने बताया कि पिछले दिनों राजनांदगांव की एक महिला को फोन पर इस गिरोह ने 10 लाख रुपये की मांग की थी। जिसके बाद महिला ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने बताया कि पीड़ित महिला को यह फोन पकिस्तान से आया था, आईजी के मुताबिक, यह मामला आंतकी फंडिंग का प्रतीत हो रहा है, इसलिए इसकी सूचना एटीएस और इंटरपोल को भेजी गई है। कई आरोपी विदेशों में रह कर इस गिरोह में शामिल हैं, इन लोगों के नाम इंटरपोल को साझा किया गया है, पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इस गिरोह का लिंक आतंकवादियों से भी तो नहीं है। पुलिस की माने तो यह बड़ी कामयाबी हैं इसके कारण देश में फैले इनके नेटवर्क का पता लगाया जा सकता है।