जबलपुर, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति हेमंत गुप्ता एवं न्यायाधिपति विजय शुक्ला की युगलपीठ ने राज्य सरकार द्वारा स्मार्ट कार्ड रीडर न खरीद पाने के रवैये पर नाखुशी जाहिर की। विशेषकर आयुक्त परिवहन द्वारा पेश जवाब पर युगलपीठ ने एतराज जताया कि अब तक हाईकोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं कराया जा सका। प्रदेश के आटो रिक्शों में मीटरिंग व्यवस्था और स्मार्ट कार्ड रीडर मुहैया करवाने का आदेश हाईकोर्ट ने पूर्व में दिया था जिसका पालन अब तक नहीं हो पाया। आयुक्त परिवहन की तरफ से बताया गया कि स्मार्ट कार्ड रीडर के लिये तीन बार टेंडर निकाला जा चुका है परंतु अब तक किसी ने टेंडर नहीं भरा। युगलपीठ ने सवाल किया कि ऐसा क्या कारण है कि तीन बार टेंडर होने के बावजूद कोई टेंडर भरने आगे क्यों नहीं आ रहा है। सालों से ड्राईविंग लायसेंस और रजिस्ट्रेशन कार्ड में चिप लगाई जा रही है। चिप पढ़ने के लिये कार्ड रीडर आवश्यक है। उभय पक्षों के सुनने के बाद युगलपीठ ने तीन सप्ताह के लिये स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि समाजसेवी एडवोकेट सतीश वर्मा की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी जिलों में पर्याप्त संख्या में स्मार्ट कार्ड रीडर उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। आटो रिक्शा के रजिस्ट्रेशन कार्ड चिप में किन शर्तों के तहत संचालन की अनुमति दी गई है, यह दर्ज होता है परंतु इस चिप को रीड करने की कोई व्यवस्था नहीं है।