जवानों को वातानुकूलित जैकेट टी-90 युद्धक टैंक बढ़ाएंगे ताकत

पणजी, भारतीय सेना को आधुनिक बनाने का कार्य बहुत तेजी से चल रहा है। गोवा के मुख्यमंत्री व पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि भारतीय विशेष बलों के जवानों के लिए वातानुकूलित जैकेटों का परीक्षण जारी है। पर्रिकर ने कहा- विशेष बलों के अभियान कठिन परिस्थितियों में चलाए जाते हैं। इस दौरान शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिसके कारण वे (जवान) बेहद असहज महसूस करते हैं। ऐसे समय में अगर उनके पास वातानुकूलित जैकेट होंगे तो वे सहज महसूस करेंगे। इसके लिए परीक्षण जारी है। हल्के लड़ाकू विमान (लसीए) तेजस के बारे में बात करते हुए पर्रिकर ने कहा कि एलसीए तेजस का एकमात्र कमजोर बिंदु यह रहा कि यह एक हल्का विमान है और केवल 3.5 टन भार ले जा सकता है। 2014 और 2017 के बीच रक्षा मंत्री रहे पर्रिकर इस साल की शुरुआत में राज्य की राजनीति में वापस लौट आए और चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री बने। पर्रिकर ने कहा कि उन्होंने एलसीए परियोजना पर पूरी शिद्दत से काम किया है।
टी-90 युद्धक टैंक बढ़ाएंगे ताकत
अपनी आक्रमण क्षमता बढ़ाने के प्रयासों के तहत भारतीय सेना टी-90 युद्धक टैंकों को तीसरी पीढ़ी की मिसाइल प्रणाली से लैस करने की योजना पर काम कर रही है।
सेना के सूत्रों ने जानकारी दी कि वर्तमान में टी-90 टैंक लेजर गाइडिड आईएनवीएआर मिसाइल प्रणाली से लैस हैं और अब सेना ने इस प्रणाली की जगह इन युद्धक टैंकों को तीसरी पीढ़ी की मिसाइल प्रणाली से बदलने का फैसला लिया है। परियोजना से जुड़े एक दस्तावेज के मुताबिक, जिस प्रकार आईएनवीएआर मिसाइल प्रणाली के डिजाइन को सीमा व प्रवेश की गहराई (डीओपी) के संबंध में अधिकतम उपयोग कर लिया गया है, ऐसे में अगली पीढ़ी की मिसाइलों में इसे उन्नत क्षमता के साथ अपग्रेड करना जरूरी है। रूसी मूल के टी-90 टैंक भारतीय सेना की आक्रामक संरचनाओं का मुख्य आधार हैं। सूत्रों के मुताबिक, तीसरी पीढ़ी की मिसाइलों को 800 से 850 मिमी के डीओपी प्राप्त करना चाहिए और दिन के साथ रात में भी 8 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम होना चाहिए।

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