हिम्मत है तो जेडीयू को तोड़ लें शरद यादव-नीतीश कुमार

पटना,जनता दल यूनाइटेड अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बागी नेता शरद यादव से कहा है कि अगर समर्थन है तो दो-तिहाई सदस्यों के साथ पार्टी तोड़ लें, नहीं तो सदस्यता खोने का इंतजार करें. नीतीश कुमार पटना में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद राष्ट्रीय परिषद के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. नीतीश ने अपने भाषण में शरद यादव के साझा विरासत कार्यक्रम पर तंज कसते हुए कहा कि ‘साझा विरासत’ केवल परिवारवाद के लिए है.
अपने भाषण की शुरुआत में नीतीश ने कहा कि शरदजी अपने निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं. उन्होंने यह भी कहा कि शरद जी कहते थे कि लोकतंत्र लोकलाज से चलता है, लेकिन क्या अब वह यह भूल गए हैं? नीतीश कुमार पार्टी तोड़ने की अफवाहों पर शरद यादव से बेहद नाराज दिखे. उन्होंने सीधा हमला करते हुए बोला कि आरजेडी के बल पर जेडीयू तोड़िएगा क्या?
शरद के अलावा नीतीश ने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की भी जमकर आलोचना करते हुए कहा कि आप भ्रष्टाचार करेंगे और फिर इस पर पर्दा डालने के लिए धर्मनिरपेक्षता और जनादेश की दुहाई देकर बचना चाहते हैं. नीतीश ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि जब लालू या तेजस्वी उनके बारे में ये बोलते थे कि उन्होंने (नीतीश को) मुख्यमंत्री बनाया है, तो इससे ज्यादा अपमानजनक कुछ नहीं होता था.
नीतीश ने साफ किया कि वह किसी की कृपा पर नहीं हैं और न किसी की कृपा पर जीने वाले हैं. नीतीश ने जनादेश के अपमान के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जनादेश परिवारवाद, भ्रष्टाचार और एक परिवार की खुशहाली के लिए नहीं था. उन्होंने माना कि लालू यादव की कार्यशैली के कारण नीचे तक भय की स्थिति हो गई थी, लेकिन अब जनता के बीच खुशी का माहौल है.
राज्य में मुस्लिम मतदातओं की भी चर्चा करते हुए नीतीश ने कहा कि वो जनता की खिदमत करते हैं. उन्होंने लालू यादव का नाम लिए बिना कहा कि आप खुद को मालिक समझकर उनको देखते हैं. नीतीश ने भाजपा के साथ सरकार बनाने के बाद अपने फैसलों की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने अल्पसंख्यकों के हित में कई निर्णय लिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, हम लोगों की धार्मिक भावना की कद्र करते हैं, कोई भेदभाव नहीं करते.

लालू की रैली में शा‎मिल नहीं होंगे शरद यादव
बिहार में जेडीयू की बैठक में शरद यादव के भविष्य का फैसला किया जाएगा। इस बीच शरद यादव खेमे से खबर है कि नीतीश कुमार से खफा यह नेता अभी तो लालू यादव से दूर ही रहेगा। लालू ने 27 अगस्त को पटना में बड़ी रैली बुलाई है, जिसमें भाजपा विरोधी ताकतों को एक जुट करने की कोशिश की जाएगी। पहले खबर थी कि नीतीश के भाजपा से हाथ मिलने से खफा शरद यादव भी लालू की इस रैली में शामिल होंगे, लेकिन अब शरद के एक करीबी के हवाले से बताया जा रहा है कि ऐसा नहीं होगा। दरअसल शरद यादव यदि लालू की रैली में शामिल होते हैं, तो जदयू उन्हें पार्टी की सदस्यता से बर्खास्त कर देगी। ऐसे में शरद की राज्यसभा सदस्यता चली जाएगी। चुनाव होने पर पूरी संभावना है कि यह सीट एनडीए की झोली में चली जाए। इसलिए यादव ने रणनीति बनाई है कि वे लालू की रैली में शामिल नहीं होंगे। इससे उनकी राज्यसभा सदस्यता बची रहेगी और संसद में वे भाजपा विरोधी दलों का साथ दे पाएंगे।

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