नई दिल्ली, इजरायल किसी भी परिस्थिति में कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन नहीं करेगा। इजरायल की के शीर्ष अधिकारियों ने यह बात कही है। भारत के साथ आतंकवाद से जंग में कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने की बात करने वाले इजरायल का यह ब्यान खासा मायने रखता है क्योंकि अब तक कश्मीर मामले पर वह चुप ही रहा है। भारत के लिए पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद ही सबसे प्रमुख मुद्दा रहा है, जिसके चलते जम्मू-कश्मीर में अकसर अशांति का माहौल रहता है।
1990 के दशक के शुरुआती वर्षों में भारत ने इजरायल के साथ अपने पूर्ण कूटनीतिक संबंध स्थापित किए थे। तब से ही इजरायल का यह पक्ष रहा है कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। हालांकि भारत पश्चिम एशिया मामलों के एक्सपर्ट राजेंद्र अभ्यांकर के मुताबिक 2003 में पाकिस्तान के प्रति इजरायल की नीति में थोड़ा बदलाव आया था और उसने पाक को मुस्लिम जगत के एक महत्वपूर्ण देश के तौर पर देखना शुरू किया था।
2003 में भारत आए इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने दिल्ली में जारी बयान में कश्मीर को लेकर कोई बात नहीं कही थी। यही नहीं हाल ही में जब देश के पहले पीएम के तौर पर नरेंद्र मोदी इजरायल पहुंचे तो वहां भी साझा बयान के दौरान जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर कोई बयान नहीं जारी किया गया। जम्मू-कश्मीर में अकसर तनाव रहता है, जिसके लिए भारत सीमा पार आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराता रहा है।
इजरायली अधिकारियों के मुताबिक किसी भी स्थिति में पाकिस्तान को समर्थन करने का सवाल ही नहीं है, भले ही जम्मू-कश्मीर में कैसी भी परिस्थिति हो।
कश्मीर मुद्दे पर हम भारत के साथ-इजरायल
