भोपाल, भाजपाध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को भोपाल प्रवास के दूसरे दिन कहा की केंद्र की मोदी सरकार पर पिछले तीन सालों में भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है .जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो शासन करते हुए जो दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन किया है,उससे दुनिया ने भारत का लोहा माना है,यह समझा जा चूका है देश के हितों की सुरक्षा में सरकार किसी भी हद तक जा सकती है.
शाह प्रदेश मुख्यालय पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे.उन्होंने कहा की अब कांग्रेस चाहे कितना भी पैतरेबाजी कर ले लेकिन भाजपा का अगला लक्ष्य पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक स्वरुप प्रदान करना है,जो हर हाल में जल्द से जल्द लोकसभा और राज्यसभा में उसे पारित कराएँगे .उन्होंने कहा की मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश ने तरक्की कर विकासशील प्रदेश का दर्जा प्राप्त कर लिया है.उन्होंने कहा भोपाल सहित अन्य जगहों पर यह सारी कवायद संगठन को मजबूत करने के लिए हो रही है,इसके कोई अन्य अर्थ नहीं निकला जाना चाहिए.राम मंदिर मामले पर उन्होंने कहा की हर चुनाव में पार्टी अपने घोसना पत्र में विवादित स्थान पर मंदिर बनाने की बात करती है इस लिए हमारा स्टैंड साफ़ है हम इस मामले में कोर्ट के आदेश का भी सम्मान करेंगे.उन्होंने कहा की इसका समाधान आपसी समझौते से भी निकल सकता है. शाह ने धारा 370 पर कहा की अभी इसे हटाने सरीखा कोई मसला नहीं है.उन्होंने तीन तलाक पर कहा की इस विषय में समय आने पर ही अदालत के सामने पक्ष रखा जायेगा. भाजपा में परिवारवाद को लेकर पूछे गए सवाल पर शाह ने कहा की उनकी पार्टी में भाजपा अध्यक्ष का बेटा क्या अध्यक्ष है,उन्होंने कहा जहाँ तक नेताओं के बेटों का सवाल है तो उन्हें पार्टी में प्रतियोगिता और मेरिट पर काम करना होता है जिसमें कोई बुराई नहीं है.राज्य के दो संसदीय सीटों छिंदवाड़ा और गुना में लगातार भाजपा की हार को लेकर संभावित रणनीति के सवाल पर शाह ने कहा की इन क्षेत्रों में पार्टी संगठन को मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है.जहाँ तक प्रत्याशी को लेकर रणनीति की बात है तो वह चुनाव के समय ही की जाती हैं.उन्होंने पार्टी बैठकों की बातों को बाहर मीडिया तक नहीं जाने के सवाल पर कहा की हाँ उन्होंने बैठक में शरीक लोगों को ऐसा नहीं करने को कहा था यह कोई पार्टी में आतंरिक लोकतंत्र का मामला नहीं है बल्कि यह अनुशासन का मामला है इसलिए वह ऐसी हिदायत देते हैं जिसमें कुछ गलत नहीं है.
अदालत के निर्णय या आपसी समझौते से विवादित स्थान पर बनेगा मंदिर-शाह
