कोलकाता,कोल इंडिया ने कहा कि उसकी वर्तमान में चल रही 120 परियोजनाओं में से 62 कोयला परियोजनाओं में देरी हुई है, जिसका कारण वन मंजूरी प्राप्त करने में देरी तथा भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास से जुड़े मुद्दे हैं। खनन कंपनी ने अपनी नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि 120 कोयला परियोजनाएं तथा 71 गैर खनन परियोजनाओं जिनकी लागत 20 करोड़ रुपए या उससे अधिक है, वे कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। 120 कोयला परियोजनाओं में से 58 परियोजनाएं समय पर पूरी हो रही हैं, जबकि 62 परियोजनाओं में देरी हो गई है। खनन कंपनी ने कहा कि गैर खनन की 71 परियोजनाओं में से 27 में देरी हो रही है। रिपोर्ट में कहा गया कि 34 कोल परियोजनाएं निर्धारित समय से पीछे चल रही हैं, जिनकी वन मंजूरी प्राप्त करने में देरी हुई है, जबकि 17 परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास व मुआवजा मुद्दे के कारण देरी हुई है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान कोल इंडिया के बोर्ड ने 5.62 करोड़ टन सालाना की क्षमता वाली 8 कोयला खनन परियोजना के लिए 8,931.05 करोड़ रुपए के पूंजी निवेश को मंजूरी दी थी। वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान खनन कंपनी ने 7 कोयला परियोजनाओं को पूरा किया, जिनकी कुल क्षमता 1.67 करोड़ टन सालाना है और इस पर 1,190.98 करोड़ रुपए का निवेश किया गया।
62 कोयला परियोजनाओं में हुई देरी: कोल इंडिया
