कल्याणी, तृणमूल कांग्रेस से बागी हुई 38 वर्षीय नेता को चुनावी बाजी जिंदगी की आखिरी बाजी साबित हो गई। पूर्व टीएमसी नेता को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर निकाय चुनाव लड़ा, लेकिन चंद वोटों से मिली हार से वह इतनी आहत हुईं कि खुदकुशी कर ली। बात दे कि कूपर्स कैंप की सीट पर उन्हें महज 30 वोटों से हार मिली थी। 13 अगस्त को हुई वोटिंग की गिनती गुरुवार को हुई। नतीजे आने के कुछ घंटों के भीतर नेता ने 35 अलग-अलग तरह की टैबलेट्स खाकर अपनी जान दे दी। मरने वाली सुप्रिया डे 10 वर्षों तक कूपर्स कैंप के वार्ड नंबर 1 से पार्षद थीं। सुप्रिया ने अपनी मौत के कुछ घंटों पहले टीएमसी को यह संकेत दिए थे कि वह पार्टी में लौटना चाहती हैं। लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। इस बारे में उनके पति समीर का आरोप है कि कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा धमकाए जाने और गाली-गलौज करने के बाद से पत्नी सुप्रिया डिप्रेशन में चल रही थीं। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस मामले में वह कोई पुलिस शिकायत दर्ज नहीं करेंगे और वह पार्टी नेतृत्व पर छोड़ते हैं कि संबंधित कार्यकर्ताओं के खिलाफ क्या एक्शन जरुर हो।
समीर ने बताया कि पत्नी सुप्रिया को सुबह 8:40 बजे पता चला कि वह 30 वोटों से हार गईं हैं, जो टीएमसी कैंडिडेट अशोक सरकार को मिले। सुप्रिया को 320 वोट मिले थे जबकि अशोक सरकार को 350 वोट मिले। समीर ने बताया कि वोटिंग के दिन तृणमूल के एजेंट से हुई बहस की बात उनके दिमाग पर हावी हो रही थी। बता दें कि रविवार को वोटिंग के दिन सुप्रिया ने एक एजेंट को थप्पड़ मारा था क्योंकि एजेंट ने एक शख्स द्वारा अपने बूढ़े और बीमार दादा की ओर से वोट डालने आपत्ति दर्ज की थी वह शख्स बीमार था, इसलिए पोते से वोट डलवाना चाहते था।
सुप्रिया के पति ने बताया, नतीजों के दिन 80-100 बाइक सवार नौजवान हमारे इलाके में चक्कर लगा रहे थे। सुबह करीब 10 बजे हमारे घर के अंदर जबरन दरवाजे और ग्रिल तोड़ 20-25 लोग घुस आए और सुप्रिया को बुरा-भला कहने लगे। मैं अपने 12 साल के बेटे को लेकर चिंतित था और उसके साथ था। इसी बीच पत्नी अंदर चली गईं और बाद में मैंन देखा कि वह बीपी, थायरॉइड, शुगर आदि की 35 टैबलेट्स खा चुकी थीं। दोपहर 1 बजे उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और करीब 2:30 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।’
30 वोटों से मिली हार, TMC नेता सुप्रिया ने की खुदकुशी
