अहमदाबाद, गुजरात राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के अहमद पटेल से हारने वाले बलवंत सिंह राजपूत ने कांग्रेस के 2 बागी विधायकों के वोट रद्द करने के चुनाव आयोग के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है। भाजपा प्रत्याशी राजपूत ने शुक्रवार को गुजरात हाई कोर्ट में चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देते हुए कहा है कि उन्हें विजेता घोषित किया जाना चाहिए। 8 अगस्त को गुजरात में राज्यसभा की 3 सीटों के लिए चुनाव हुए थे जिनमें भाजपा के अमित शाह, स्मृति ईरानी और कांग्रेस के अहमद पटेल विजयी हुए थे।
बलवंत सिंह राजपूत और अहमद पटेल के बीच बेहद कड़ा मुकाबला देखने को मिला। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से अपने 2 बागी विधायकों के वोटों को रद्द करने की मांग की थी। कांग्रेस का आरोप था कि दोनों विधायकों ने अपने वोट भाजपा नेताओं को दिखाकर वोटिंग की गोपनीयता का उल्लंघन किया है। रिटर्निंग ऑफिसर ने कांग्रेस की आपत्ति को खारिज कर दिया था जिसके बाद कांग्रेस चुनाव आयोग पहुंची थी। देर रात तक चले हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद आखिरकार चुनाव आयोग ने कांग्रेस के पक्ष में फैसला सुनाया और इस तरह अहमद पटेल की जीत हुई। पटेल को 44 वोट मिले जबकि राजपूत को 38 वोट।
राजपूत ने अपनी याचिका में दावा किया है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने जब एक बार अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए दोनों वोटों को वैध मान लिया तो चुनाव आयोग को ‘रिटर्निंग ऑफिसर को किसी वोट को रद्द करने या वैध मानने के लिए कहने का कोई अधिकार नहीं है।’ चूंकि गुरुवार को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी छुट्टी पर थे, इसलिए बलवंत सिंह की याचिका की सुनवाई सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस एम. आर. शाह ने की। उन्होंने याचिका को स्वीकार करते हुए 21 अगस्त को उचित बेंच में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया।
राजपूत ने अहमद पटेल के निर्वाचन को हाई कोर्ट में चुनौती दी
