कुशीनगर- नारायणी का कहर ,बाढ़ में बहे 500 से अधिक दुधारू पशु

कुशीनगर, उत्तर प्रदेश के उत्तरी पूर्वी सीमा के नजदीक नेपाल सीमा पर नारायणी नदी और जंगल के किनारे रहने वाले 500 से ज्यादा मवेशी व दो चरवाहा रविवार की रात से ही लापता हैं। नदी में अचानक पानी बढ़ने के बाद अन्य चरवाहों ने तो पेड़ पर चढ़कर जान बचा ली थी लेकिन महराजगंज जिले के ठूठीबारी निवासी एक चरवाहा तथा उसके साथ रहे एक अन्य व्यक्ति का अब तक पता नहीं चला है। साथी चरवाहा इन्हें अगले दिन से ही नदी के किनारे तलाश रहे हैं।
जानकारी के अनुसार नेपाल सीमा पर नारायणी के दियारा क्षेत्र के धनहिया, ठाढ़ी घाट, चकदहवा, सुस्ता आदि जगहों पर नदी व जंगल की खाली जमीन पर कुशीनगर, महराजगंज, बिहार के पश्चिमी चंपारण व नेपाल के निकटवर्ती गांवों के लोग अपने दुधारू जानवर रखते हैं। वहां इन लोगों ने बाड़ा बना रखा है। दिन भर पशु खुले में घूमते हैं और शाम को पशुओं को इन बाड़ों में बंद कर दिया जाता है। चरवाहा वहां से इनका दूध लाकर नजदीक के बाजारों में बेचते हैं। यह सिलसिला कई पीढ़ियों से चला आ रहा है। यहां रहने वाले पशुपालक धीरेंद्र, विजयी, मुन्ना आदि बताते हैं कि रविवार की रात में लगभग नौ बजे तेजी से गंडक नदी में पानी बढ़ने लगा। देखते ही देखते स्थिति जब ज्यादा खराब हो गई तो जान बचाने के लिए कुछ चरवाहा पेड़ पर चढ़ गए, लेकिन महराजगंज जिले के ठूठीबारी निवासी 70 वर्षीय पारस यादव व उनके साथ मौजूद एक अन्य चरवाहा शायद पानी की तेज धार के साथ बह गए। इसके अलावा राधे यादव निवासी बिसोखोर जिला महराजगंज के 20 पशु और चंद्रिका के 22, धीरेंद्र निवासी गिदहवा नेपाल के 26 पशु, जोगेंद्र निवासी खैरटवा नेपाल के 17 पशु, चंचल निवासी शीतलापुर रेंगहिया महराजगंज के 52 पशु, दिनेश यादव निवासी भेड़ीहारी खड्डा के 10 पशु, छांगुर निवासी कटहरी महराजगंज के 40 पशु, मुन्ना यादव निवासी अमहवा नेपाल के 27 पशु, लक्ष्मण यादव निवासी गोइती नेपाल के 35 पशु, विक्रम निवासी रतनगंज नेपाल के सात, विजयी यादव निवासी मेघवली महराजगंज के 30, हरी यादव निवासी मुजरहिया नेपाल के 9 और दुखरन यादव के 13 पशुओं समेत पांच सौ अधिक दुधारू पशु बह गए। पशुपालक लगातार खड्डा से लेकर बगहा तक नदी के किनारे इन जानवरों की तलाश कर रहे हैं। इन लोगों के मुताबिक कुछ जानवर बाढ़ के पानी के साथ बहकर बगहा क्षेत्र में चले गए हैं लेकिन वहां के लोग जानवरों को वापस नहीं करना चाहते।

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