मध्यप्रदेश में कम है स्वाइन फ्लू मरीजों की संख्या

भोपाल, पड़ोसी राज्यों की तुलना में प्रदेश में इस वर्ष काफी कम प्रकरण पाये जा रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में सीमावर्ती राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली एवं उत्तरप्रदेश में जहाँ एच-1 एन-1 संक्रमण के तकरीबन 1000 प्रकरण पाये गये, वहीं मध्यप्रदेश में पिछले सप्ताह केवल 5 प्रकरण सामने आये।
स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने इन राज्यों की यात्रा कर रहे लोगों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जो लोग इन क्षेत्रों से प्रदेश में यात्रा करके आ रहे हैं, वे सर्दी-जुकाम, खाँसी, गले में खराश, सिर दर्द, बुखार, सांस लेने में तकलीफ को नजरअंदाज न करें। तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में परीक्षण करवायें। एच-1 एन-1 संक्रमण से बचाव ही उपचार है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि बीमारियों की दैनिक समीक्षा की जा रही है। एक जुलाई से 13 अगस्त तक प्रदेश में 143 संदिग्ध स्वाइन फ्लू मरीजों के सेम्पल लिये गये। इनमें से 140 की रिपोर्ट आ चुकी है, जिनमें 28 स्वाइन फ्लू प्रभावित मरीज शामिल हैं। तीन संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट प्राप्त होना अभी बाकी है। प्रदेश में स्वाइन फ्लू से अब तक 5 मृत्यु हो चुकी हैं।
हमीदिया में उपलब्ध है मॉनीटर एवं पल्स ऑक्सीमीटर
भोपाल के हमीदिया अस्पताल में स्वाइन फ्लू के उपचार के लिये आवश्यक मॉनीटर, पल्स ऑक्सीमीटर एवं दवाइयाँ उपलब्ध हैं। स्वाइन फ्लू उपचार में संलग्न नर्सेस से कहा गया है कि वे मॉस्क, दस्ताने, एप्रिन का प्रयोग करें। स्वाब का सेम्पल लेते समय वेंटीलेटर की ट्यूब उपयोग करते समय एन-95 मॉस्क का उपयोग करें।
– जे.पी. अस्पताल में वर्ष 2009 से है 10 बिस्तर का आइसोलेटेड वार्ड
राज्य शासन द्वारा वर्ष 2009 से जे.पी. अस्पताल में स्वाइन फ्लू मरीजों के लिये 10 बिस्तर का आइसोलेटेड वार्ड स्थाई रूप से बनाया गया है। पहले यह वार्ड प्रथम तल पर था, जिसे इस वर्ष भूतल पर स्थानांतरित कर दिया गया है। यहाँ भोपाल और आसपास के जिलों के मरीजों को त्वरित उपचार सुविधा मिल रही है। गत दो अगस्त से अलग से ओपीडी की व्यवस्था की गयी है, जिसका समय प्रात: 8 से दोपहर 2 बजे तक और दोपहर 2 से रात्रि 8 बजे तक है।

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