नई दिल्ली,सुप्रीम कोर्ट ने पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के विदेश जाने पर रोक लगा दी है।कार्ति के खिलाफ लुक आउट नोटिस पर मद्रास हाई कोर्ट के अंतरिम रोक लगाने के फैसले के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था । इसमें हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए। सीबीआई ने कहा कि लुकआउट नोटिस का मतलब यह नहीं है कि कार्ति को जेल में ठूंस दिया जाएगा। ये इसलिए किया गया ताकि वो विदेश जाने से पहले एजेंसियों को सूचित करें। मद्रास हाईकोर्ट ने लुक आउट नोटिस पर अंतरिम रोक लगाई लेकिन ये हाई कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं है क्योंकि ये एफआईआर दिल्ली में दर्ज की गई।
सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति खेहर ने अतिरिक्त महाधिवक्ता तुषार मेहता से कहा कि एेसा ही लगा जैसे सीबीआई कार्ति को जेल में ठूंस देगी। हालांकि सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। इसके साथ ही कार्ति के विदेश जाने पर रोक लगा दी गई। नतीजतन लुक आउट नोटिस फिर प्रभावी हो गया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कार्ति 18 अगस्त को बताएं कि वह जांच में कब शामिल होंगे।
इससे पहले 10 अगस्त को मद्रास हाई कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति को राहत देते हुए उनके खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस कर अंतरिम रोक लगा दी थी। अदालत ने केंद्र सरकार से चार सितंबर के बाद इस मामले में जवाब देने को कहा है। आइएनएक्स मीडिया मामले में गृह मंत्रालय के तहत आने वाले विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी और आव्रजन ब्यूरो ने कार्ति के खिलाफ 16 जून को नोटिस जारी किया था।
कार्ति ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में लुक आउट नोटिस रद करने की मांग की और इसे केंद्र सरकार की बदले की कार्रवाई बताया। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में सीबीआइ द्वारा जारी हर समन पर वे हाजिर हुए हैं। ऐसे में नोटिस जारी करने का कोई मतलब नहीं था। यह मामला आइएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी मिलने में भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा हुआ है। उस समय पी चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे।
कार्ति चिदंबरम के विदेश जाने पर रोक लगाई गयी
