नई दिल्ली, भाजपा के लिए किरकिरी का कारण बने नेताओं से नेतृत्व परेशान है। इसलिए पार्टी भाजपा के राष्ट्र्रीय अध्यक्ष अमित शाह चंडीगढ़ छेड़छाड़ मामला, छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री द्वारा वन विभाग की भूमि पर फार्म हाउस बनाने सहित पार्टी की छवि बिगाड़ने वाले अन्य कई मामलों में व्यक्तिगत तौर पर नजर रख रहे हैं। आईएएस अधिकारी की बेटी से छेड़छाड़ मामले में भले ही सुभाष बराला का बेटा जेल चला गया है, मगर नेतृत्व ने इस अध्याय को अभी बंद नहीं किया है। बराला के खिलाफ कार्रवाई से पहले भाजपा नेतृत्व इस मामले के ठंडा होने का इंतजार कर रहा है। शाह ने सभी मामलों के लिए राज्यों के प्रभारियों से रिपोर्ट तलब की है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पार्टी की छवि खराब करने वाले हरियाणा, महाराष्ट्र, और छत्तीसगढ़ के सभी मामलों पर गंभीर हैं। यही कारण है कि गुजरात राज्यसभा चुनाव से निपटते ही शाह ने सबसे पहले इन्हीं तीनों राज्यों से जुड़े विवाद पर पार्टी प्रभारियों से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने इसके अलावा प्रभारियों से व्यापक चर्चा भी की। इस क्रम में छत्तीसगढ़ के आरोपी मंत्री बृहमोहन अग्रवाल को तलब भी किया। जबकि चंडीगढ़ विवाद पर प्रभारी महासचिव अनिल जैन से रिपोर्ट तलब करने के अलावा एक अन्य महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से भी बात की। इन सभी मामलों में विवाद ठंडा होने के बाद कार्रवाई किए जाने की संभावना है। नेतृत्व संबंधित राज्यों के कार्यक्रमों में ऐसे नेताओं के पोस्टर ने लगाने का निर्देश दिया है। यही कारण है कि सोमवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हरियाणा दौरे में बराला से संबंधित एक भी पोस्टर नहीं लगा है।
BJP की छवि बिगाड़ने वाले नेताओं पर कार्रवाई की तलवार लटकी,सही समय का इंतजार
