नई दिल्ली, पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ लुक आउट नोटिस पर मद्रास हाईकोर्ट के अंतरिम रोक लगाने के फैसले के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इसमें हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। सीबीआईने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि लुकआउट नोटिस का मतलब यह नहीं है कि कार्ति को जेल में ठूंस दिया जाएगा। ये इसलिए किया ताकि वो विदेश जाने से पहले एजेंसियों को सूचित करें। मद्रास हाईकोर्ट ने एलओसी पर अंतरिम रोक लगाई लेकिन ये हाई कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं है क्योंकि ये एफआईआर दिल्ली में दर्ज की गई। सुनवाई के दौरान सीजेआई खेहर ने एएसजी तुषार मेहता से कहा कि ऐसा ही लगा जैसे सीबीआई कार्ति को जेल में ठूंस देगी। इससे पहले 10 अगस्त को मद्रास हाईकोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति को राहत देते हुए उनके खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस कर अंतरिम रोक लगा दी थी। कोर्ट ने केंद्र सरकार से 4 सितंबर के बाद इस मामले में जवाब देने को कहा है।
आइएनएक्स मीडिया मामले में गृह मंत्रालय के तहत आने वाले विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी और आव्रजन ब्यूरो ने कार्ति के खिलाफ 16 जून को नोटिस जारी किया था। कार्ति ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में लुक आउट नोटिस रद करने की मांग की और इसे केंद्र सरकार की बदले की कार्रवाई बताया। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में सीबीआई द्वारा जारी हर समन पर वे हाजिर हुए हैं। ऐसे में नोटिस जारी करने का कोई मतलब नहीं था। यह मामला आइएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी मिलने में भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा हुआ है। उस समय पी चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे।
कार्ति चिदंबरम केस- सीबीआई ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
