जम्मू,घाटी में महबूबा सरकार में सहयोगी भाजपा अब महबूबा के रुख से गुस्से में नजर आ रही है। इस गुस्से का असर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की कोर ग्रुप की बैठक में देखने में मिला। बैठक में अनुच्छेद 370 व 35ए के मुद्दे पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के रवैये से भाजपा के कई नेता खुलकर बोले। इतना ही नहीं, पार्टी के ढुलमुल रवैये और राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से की गई नियुक्तियों पर भेदभाव के मुद्दों पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को खरी-खरी सुननी पड़ी। कोर ग्रुप की बैठक की अध्यक्षता प्रदेश प्रधान सत शर्मा ने की, जिसमें पार्टी के जम्मू-कश्मीर मामलों के प्रभारी अविनाश राय खन्ना, पीएमओ में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह, संगठन महामंत्री अशोक कौल, एमएलसी अशोक खजूरिया, सांसद जुगल किशोर ने भी भाग लिया। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की 35ए को लेकर दिल्ली में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री के साथ मुलाकात को उठाते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में भाजपा का रुख लोगों के बीच स्पष्ट नहीं जा रहा है। इस बात को लेकर उन्होंने उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह और संगठन महामंत्री अशोक कौल से कहा कि मुख्यमंत्री का व्यवहार 35ए के मुद्दे पर ब्लैकमेल करने जैसा है। अगर पार्टी अपने रवैये पर स्पष्ट नहीं रहती है तो उसे आने वाले समस में नुकसान उठाना पड़ सकता है। कुछ समय पहले राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से उच्च शिक्षा विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्तियों में जम्मू के साथ भेदभाव के मुद्दे पर भाजपा की चुप्पी पर भी सवाल उठे।
कहा यहां भी जा रहा हैं कि पीडीपी और भाजपा की समन्वय की बैठक क्यों नहीं हो रही है। इस बैठक को शीघ्र करवाया जाए, ताकि जम्मू के साथ भेदभाव के मुद्दों को सामने लाया जा सके। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस तरह से भाजपा की चुप्पी सही नहीं है। ऐसे में लोगों को क्या मुंह दिखाना है। बैठक में पार्टी को मजबूत बनाने पर भी जोर दिया गया। अविनाश राय खन्ना ने कहा कि कार्यकर्ता सक्रिय होकर जमीनी स्तर पर काम करें। उन्होंने पीडीपी के साथ भी बेहतर तालमेल बनाने पर जोर दिया।
अनुच्छेद 370 व 35 ए को लेकर PDP के रुख से भाजपा के अंदर उठी विरोधी आवाज
