मेधा ने तोड़ा अनशन, नहीं मिली जमानत, धरना खत्म

धार, 9 अगस्त से जेल में बंद मेधा पाटकर को जमानत नहीं मिली। नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख नेता पाटकर की शनिवार को धार के कुक्षी पेशी हुई। वहीं कई संगठनों के लोगों की अपील पर मेधा पाटकर ने नीबू पानी पीकर अनशन तोड़ दिया। उनपर चार मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से एक मामले पर जमानत तो मिली, लेकिन अन्य तीन मामलों में जमानत याचिका खारिज कर दी। मेधा के वकील राज प्रकाश पहाडिया ने बताया कि मेधा पर धारा 188, 353, 34 के दो तथा 365 का एक मामला दर्ज किया गया है। कोर्ट ने धारा 188 के प्रकरण में जमानत स्वीकार कर ली, लेकिन तीन अन्य मामलों में जमानत आवेदन निरस्त कर दिया गया है। इन प्रकरणों की जमानत हेतु 16 अगस्त की तारीख निर्धारित की गई है। जिसकी सुनवाई कुक्षी में अपर सत्र न्यायाधीश प्रविणा व्यास के न्यायालय में की जाएगी। सुनवाई के बाद पाटकर को फिर धार के जिला जेल भेज दिया गया।
समर्थकों का जमावड़ा
मेधा को कुक्षी न्यायालय में लाए जाने की खबर जैसे ही नर्मदा विस्थापितों को मिली। लोग न्यायालय परिसर में पहुंच गए। इन्हें नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिसबल पहले ही तैनात था।
इस मामले में सुनवाई टली
मेधा पर धारा 151 के एक अन्य प्रकरण पर सुनवाई होनी थी। यह मामला धार एसडीएम के पास लंबित है। शनिवार को इसकी भी सुनवाई होनी थी, लेकिन अभियोजन पक्ष द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण सुनवाई आगे बढ़ा दी गई। पाटकर के वकील धीरज दीक्षित ने बताया कि उन्होंने मांग की है कि अगली पेशी में अभियोजन पक्ष द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत किए जाए और अनावेदक मेधा पाटकर को भी उपस्थित रखा जाए। न्यायालय द्वारा इसके लिए 17 अगस्त की तारीख निर्धारित की गई है।
इसलिए जेल में हैं मेधा
धार जिले के चिखल्दा में लगातार कई दिनों से नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता और उनकी नेत्री मेधा पाटकर के द्वारा लगातार अनशन किया जा रहा था जिसके बाद उनके स्वास्थ्य हवाला देते हुए पुलिस ने अनशनकारियों को अनशन स्थल से हटाया था जिसके बाद इंदौर के एक अस्पताल में मेधा पाटकर का उपचार करवाया गया और उन्हें छुट्टी दे दी गई। मेधा पाटकर को इंदौर से रवाना होने के बाद धार जिले की सीमा में प्रवेश होते ही गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसके बाद धार जेल रखा गया। चिखल्दा में धरना टूटा
उधर, ग्राम चिखलदरा में लगातार सरदार सरोवर डूब प्रभावित लोगों द्वारा धरना स्थल पर अनशन भी खत्म कर दिया गया।

(हेमंत गर्ग की रिपोर्ट )

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