मुंबई, केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना के रास्ते में रुकावट आ गई है। महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से कहा है कि वैश्विक आर्थिक केंद्र के निर्माण के लिए उसे बांद्रा-कुर्ला परिसर (बीकेसी) की भूमि की आवश्यकता है। जबकि प्रस्तावित बुलेट ट्रेन बीकेसी के भूमिगत मार्ग से ही चलना शुरू करेगी और समुद्र के अंदर 21 किलोमीटर लंबी सुरंग पार करके ठाणे में जमीन के ऊपर आएगी।
सूबे के परिवहन मंत्री दिवाकर राउते ने बताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने केंद्र से कहा है कि 0.9 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाली भूमि का उपयोग अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सेवा केंद्र (आइएफएससी) के निर्माण में किया जाएगा। प्रदेश सरकार बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए वैकल्पिक भूमि देने के लिए तैयार है। विधान परिषद में बोलते हुए राउते ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र को सूचित किया है कि बीकेसी से कुछ किलोमीटर की दूरी पर धारावी में हाई-स्पीड ट्रेन परियोजना के लिए भूमि आवंटित की जा सकती है।
प्रस्तावित आइएफएससी मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) की अवधारणा है। रेलवे बीकेसी पर एक टर्मिनस बनाना चाहता है।
यह 508 किलोमीटर लंबे मार्ग वाली हाई स्पीड ट्रेन परियोजना का मुंबई में शुरुआती स्टेशन होगा। खास यह है कि इस परियोजना में राज्य सरकार भी भागीदार है। राउते मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर सदन में हुई एक संक्षिप्त चर्चा के दौरान बोल रहे थे। राउते ने बताया कि मुंबई और कोलकाता के बीच दूसरी बुलेट ट्रेन चलेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र से नासिक, औरंगाबाद, अमरावती और नागपुर से होकर जाने वाले मार्ग पर विचार करने की सिफारिश की है। इस परियोजना के लिए स्पेन की एक कंपनी को व्यावहारिकता रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है।