प्याज घोटाला: जांच समिति के समक्ष किसानवार डाटा पेश

भोपाल,शहर की मंडी में हुए प्याज घोटाले को लेकर मंडी सचिव ने प्याज खरीदी की किसानवार रिपोर्ट जांच समिति के समक्ष पेश की। इस रिपोर्ट ने सबको चौंकाकर रख दिया। मंडी सचिव ने प्याज की खरीदी दो लाख क्विंटल दिखाई है, जबकि समर्थन मूल्य पर मार्कफेड ने एक लाख 65 हजार क्विंटल प्याज ही खरीदी है। वहीं नागरिक आपूर्ति निगम करोंद और बैरसिया में 17 हजार 400 क्विंटल प्याज का स्टॉक कम होने की बात कह रहा है। इतना ही नहीं मार्कफेड का दावा है कि महज 2 हजार 324 क्विंटल प्याज ही स्टॉक में कम है। दरअसल भोपाल में हुए 17400 क्विंटल प्याज घोटाले की जांच के मामले में जांच समिति ही यह पकड़ पाने में असमर्थ साबित हो रही है कि आखिर घोटाला किया किसने।
लिहाजा मंडी के प्याज व्यापारियों ने नीलामी में खरीदी गई प्याज के अतिरिक्त किसानों से खरीदी गई प्याज का भी नाम सहित रिकार्ड मांगा है। इससे ही पता चल सकेगा कि मंडी ने जो प्याज के मंडी में आने, नीलाम होने से लेकर डिस्ट्रॉय करने तक की जो रिपोर्ट पेश की है, उसमें कहीं झोल तो नहीं है। जांच समिति के सदस्यों ने करोंद मंडी का सघन निरीक्षण कर जांच किया। टीम ने अपना विशेष फोकस व्यापारियों द्वारा किसानों, नीलामी में कितनी प्याज खरीदी, उसका उठाव कितना किया? कितनी बाहर भेजी गई और कितनी व्यापारियों ने अपने स्वयं के शेड में शिफ्ट कराई है? इसकी जांच शुरू की गई। जांच में नागरिक आपूर्ति निगम के नीलामी व उठाव के आंकड़े तथा करोंद मंडी के नीलामी व उठाव के आंकड़े में 6000 क्विंटल का अंतर सामने आया। यह देख जांच दल के अधिकारी चौक पड़े। उन्होंने सभी प्याज व्यापारियों से कहा कि वह नीलामी में खरीदी गई प्याज, उसके भंडारण व बाहर भिजवाए जाने का रिकार्ड दें। पहले प्याज व्यापारी यह जानकारी को देने तैयार नहीं हुए। जांच दल ने उन्हें जब फटकार लगाई और मंडी सचिव से प्याज व्यापारियों पर कार्रवाई करने को कहा तो सभी व्यापारी चुपचाप रिकार्ड देने की बात मान गए।

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