भोपाल,मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सेंट्रल जेल में बच्चों के चेहरे पर सील लगाने के मामले में नया मोड आया है. बच्चों के परिजनों ने जेल प्रबंधन को हलफनामा दिया है कि उन्हें चेहरे पर सील लगाने के मामले में कोई कार्यवाही नहीं करना है।
गौरतलब है कि रक्षाबंधन के दिन पिता से मिलने जेल पहुंचे दो बच्चों के हाथ के बजाए चेहरे पर ‘पहचान सील’ लगा दी गई थी. मीडिया में मामला आने के बाद जेल डीजी संजय चौधरी ने प्रारंभिक जांच के बाद महिला प्रहरी रश्मि प्रजापति को सस्पेंड कर दिया था। जेल प्रहरी ने जिन दो बच्चों के चेहरे पर सील लगाई थी उनका परिवार सामने आया है. बच्चों की मां एक हलफनामा दिया है, जिसमें लिखा है कि मुलाकात के लिए काफी भीड़ होने की वजह से उनके कहने पर ही चेहरे पर सील लगाई गई थी । उन्होंने जेल प्रहरी का निलंबन वापस लेने के लिए भी गुजारिश की है । परिजनों ने इस आशंका को भी खारिज कर दिया है कि उन्होंने किसी के दबाव में आकर हलफनामा दिया है । नियमो के मुताबिक जेल में कैदियों से मिलने के लिए पहुंचने वाले परिजनों या परिचितों के हाथ पर मोहर लगाई जाती है । यह पहचान के लिए लगाई जाती है, ताकि कोई कैदी भीड़ का फायदा उठाकर बाहर न निकल जाए । वही भोपाल सेंट्रल जेल की रक्षाबंधन पर एक तस्वीर सामने आई थी । जिसमें जेलकर्मियों ने रक्षाबंधन पर पिता से मिलने जेल पहुंचे बच्चों के चेहरे पर ही मोहर लगा दी थी । इस मामले का खुलासा होने के बाद जेल मंत्री ने जांच कराने की बात कही थी ।
मासूमों के चेहरे पर सील लगाने का मामला,परिजनों ने हलफनामा देकर कहा, नहीं चाहते कार्यवाही
