मुंबई,विदेशी शेयर बाजारों से मिले मिश्रित संकेतों के साथ साथ स्थानीय स्तर पर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा कई सूचीबद्ध शेल (मुखोटा) कंपनियों के सीमित कारोबार करने के आदेश के कारण निवेशकों के 14 हजार करोड़ रुपये की रकम के अटक जाने के बाद स्थानीय स्तर पर जमकर हुई बिकवाली से सेंसेक्स 32 हजार और निफ्टी 10,000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे उतर कर लगातार तीसरे दिन गिरावट पर बंद हुआ। फार्मा, ऑटो, बैंकिंग, एफएमसीजी, मीडिया, कैपिटल गुड्स, टेलीकॉम और ऑयल एंड गैस शेयरों में हुई भारी बिकवाली के चलते बुधवार को कारोबार की समाप्ति पर सेंसेक्स 216 अंक की गिरावट के साथ 31,798 के स्तर पर बंद हुआ है। निफ्टी 70.5 अंक की कमजोरी के साथ 9908.5 के स्तर पर बंद हुआ है। बुधवार को बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की भी जोरदार पिटाई हुई है। बीएसई का मिडकैप 256 अंकों की गिरावट के साथ 15,157 पर बंद हुआ जबकि स्मॉलकैप 299 अंकों की गिरावट के साथ 15,605 पर बंद हुआ.
एशियाई बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई।
सेंसेक्स सुबह 88.05 अंकों की गिरावट के साथ 31,926 पर खुला। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 31,967 के ऊपरी स्तर और 31,732 के निचले स्तर को छुआ। इसी तरह निफ्टी 17 अंकों की गिरावट के साथ 9,961 पर खुला। दिन भर के कारोबार में निफ्टी ने 9,970 के ऊपरी और 9,893.05 के निचले स्तर को छुआ।
आर्थिक जानकारों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को लेकर अमेरिका उत्तर कोरिया के बीच तनाव बढ़ने का असर जहां शेयर बाजारों पर पड़ा है वहीं स्थानीय बाजारों में सेबी के आदेश से 150 सक्रिय कारोबार वाली कंपनियां प्रभावित होने और 14,000 करोड़ रुपये की बाजार पूंजी के अटक जाने से घरेलू बाजार में होने वाली बिकवाली से गिरावट जारी है। इसके अलावा कुछ कंपनियों के जून तिमाही के कमजोर नतीजों से भी बाजार में बिकवाली दबाव देखने को मिला।
शेयर बाजार में गिरावट की हैट्रिक, सेबी और शेल कंपनियों का विवाद बढ़ा
![](https://www.pragamiark.com/park/wp-content/uploads/2017/05/share-bazar.jpg)