भोपाल, चालू वित्तीय वर्ष में ये पहला मौका होगा, जब सरकार विकास कार्यों के लिए बाजार से कर्ज लेगी। प्रदेश सरकार 2017-18 में 25 हजार करोड़ रुपए तक बाजार से कर्ज उठा सकती है। इस सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से डेढ़ हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया जाएगा। वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक विकास की कई परियोजनाओं को गति देने के लिए कुछ विभागों को अतिरिक्त राशि देने की जरूरत है। कुछ परियोजनाओं के लिए अनुपूरक बजट में प्रावधान भी किए गए हैं। राशि का इंतजाम करने के लिए बाजार से कर्ज उठाने का फैसला किया गया है। इसकी शुरुआत अगले सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक के जरिए बाजार से डेढ़ हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेकर होगी। बताया जा रहा है कि अब लगभग हर महीने सरकार कर्ज उठाएगी।
राजकोषीय उत्तरदायित्व अधिनियम (एफआरबीएफ) के तहत सरकार राजकीय सकल घरेलू उत्पाद के साढ़े तीन फीसदी तक कर्ज ले सकती है। ये सीमा लगभग 25 हजार करोड़ रुपए है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार के ऊपर अब कर्ज डेढ़ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो जाएगा। सरकार हर साल लगभग 13 हजार करोड़ रुपए सिर्फ ब्याज चुकाने में खर्च कर रही है। ज्यादातर कर्ज 10 साल के लिए लिया जा रहा है। विधानसभा में सरकार की ओर से दिए जवाब के मुताबिक प्रदेश के हर व्यक्ति पर 13 हजार रुपए से ज्यादा का कर्ज चढ़ चुका है।