ग्रहण और भद्रा को टालते हुए बहनों ने बांधी भाईयों की कलाई पर राखी

भोपाल/ग्वालियर,भाई बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। भद्रा और ग्रहण की परवाह किए बगैर बहनों ने अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांध अपना स्नेह दिया तो भाइयों ने उनको समाज की बुराइयों और जीवन में आने वाली परेशानियों से बचाने का वचन दिया। ज्योतिषियों के अनुसार राखी बांधने का सर्व श्रेष्ठ मुहुर्त सुबह 11 बजकर 7 मिनट से 1.52 बजे तक था। मुहुर्त शुरू होने के बाद बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी। हर भाई-बहन को इस पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है। सुबह शुभ मुर्हुत से ही बहनों द्वारा भाईयों को राखी बांधने का सिलसिला आरंभ हो गया था। कोई भाई अपनी बहन के लिए उपहार लाया तो किसी ने बहन की रक्षा की कसम खायी। इस दौरान बाजार में भी राखी की दुकानों पर दिनभर रौनक दिखाई दी।
मुहूर्त के अनुसार बांधी राखी रक्षा बंधन पूर्व पर इस बार बहनों ने सर्वश्रेष्ठ मुहुर्त में अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधी। रक्षा बंधन को लेकर भाईयों और बहनों को खास उत्साह देखा गया। वहीं बाजार में भी दिन भर खरीदारी का सिलसिला चलता रहा। बहनों ने जहां बाजार जाकर आकर्षक राखियां खरीदी। वहीं भाईयों ने भी अपनी बहनों के लिए उपहार खरीदे।
नककीन और ड्रायफ्रूट्स की बिक्री रही
सोमवार को दिनभर मिठाईयों, नारियल, पैठे, नमकीन, शॉपिंग मॉल आदि में ग्राहकों का तांता लगा रहा। वहीं ट्रेनों द्वारा बाहर से आने वाले भाईयों ने भी अपनी बहनों से ग्वालियर आकर राखी बंधवाई। इसी प्रकार बाहर से आने वाली बहनों ने भी अपनी भाईयों को राखी बांधी।
जेल में बहनें नहीं रोक पाई अपने आंसू ग्वालियर की केन्द्रीय जेल में भी सोमवार को कैदी भाईयों को राखी बांधने बहनें पहुंची। इस दौरान बहनें अपने भाईयों को मिष्ठान, घर से पूड़ी सब्जी आदि भी ले गई थी। कैदी भाईयों ने जैसे ही अपनी बहन को देखा तो दोनों की आंखों में आंसू झलक आए और दोनों एक-दूसरे के गले मिलकर खूब रोए भी। इसकेबाद बहनों ने अपने भाईयों को राखी बांध मिष्ठान आदि खिलाया। वैसे जेलप्रशासन ने भी भाई-बहन के इस पावन पर्व में कोई बंधन नहीं आए इसे देखते हुए विशेष व्यवस्था की थी। इधर रक्षाबंधन के इस पावन पर्व में कोई घटना घटित नहीं हो जाए, इसके लिए पुलिस और प्रशासन ने भी सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की हुई थी।

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