अमरनाथ यात्रा के हमलावर लश्कर के 3 आतंकी गिरफ्तार,UP में भी गिरफ्तारी

श्रीनगर,अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले के मामले की गुत्थी जम्मू कश्मीर पुलिस ने सुलझा ली है। इस हमले में लश्कर के आतंकियों का हाथ था। पुलिस ने इस मामले में 3 आतंकियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन मास्टर माइंड अबू इस्माइल और उसके दो साथियों की तलाश जारी है। आईजी मुनीर खान ने कहा कि सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। तीनों आरोपियों ने सभी बातों का खुलासा कर दिया है। आतंकियों ने यात्री वाहन के लिए शौकत, सीआरपीएफ वाहन के लिए बिलाल कोड वर्ड दिया। ये पूरी तरह से आतंकी हमला था। गिरफ्तार आतंकियों में 2 पाकिस्तानी और और 1 कश्मीरी है। 3 आतंकी अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस का दावा है कि उन्हें भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। पुलिस ने जानकारी दी कि आतंकियों का प्लान पहले 9 जुलाई को इस हमले को अंजाम देने का था, लेकिन सीआरपीएफ या यात्रियों का कोई वाहन नहीं मिलने पर उन्हें अपने प्लान में फेरबदल करना पड़ा और बाद में उन्होंने अगले दिन 10 जुलाई को इस हमले को अंजाम दिया। इससे पहले दक्षिण कश्मीर पुलिस ने इस संबंध में ओवर ग्राउंड वर्कर्स के पूरे जत्थे को गिरफ्तार किया। पुलिस इन्हें बिना हथियार वाले आतंकी बता रही है। इस हमले का मास्टर माइंड अबु इस्माइल सहित हमले में शामिल लश्कर ए तैयबा के तीन आतंकी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए लश्कर कमांडर अबु दुजाना के बाद अबु इस्माइल को ही लश्कर की कमान सौंपी गई है। सूत्रों ने बताया कि इन आतंकियों ने ही अमरनाथ यात्रियों पर हमले के लिए फंड की व्यवस्था की थी। उन्होंने बताया कि कॉल डीटेल्स की छानबीन से ये ओवर ग्राउंड वक्र्स पुलिस के हत्थे चढ़े। ये आपसी बातचीत में कोर्ड वर्ड्स का इस्तेमाल करते थे, जिससे पुलिस का ध्यान इस ओर गया। वहीं पुलिस से बचने के लिए ये आतंकी आसपास के घरों या फिर नालियों में छुप जाया करते थे।
कब हुआ था हमला
आतंकियों ने 10 जुलाई की रात 8.20 बजे अमरनाथ यात्रियों पर हमला किया था, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई, जबकि 19 यात्री जख्मी हो गए थे। ये आतंकी मोटरसाइकिल पर सवार थे और यात्रियों की बस पर अंधाधुध फायरिंग करने के बाद मौके से फरार हो गए थे। इस गोलीबारी में दो यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि 5 लोगों की अस्पताल ले जाते वक्त मौत हो गई।
तीन साल पहले बॉर्डर पार कर आया था आतंकी
पुलिस के अनुसार, पाकिस्तानी आतंकी अबु इस्माइल करीब तीन साल पहले सीमा पार कर कश्मीर आया था। वह पंपोर इलाके में कई आतंकी वारदातों को अंजाम देता रहा है। वहीं नोटबंदी के बाद कश्मीर घाटी में बैंक और एटीएम लूट की वारदातों के पीछे अबु इस्माइल का ही हाथ बताया जाता है।

पाकिस्तानी आतंकियों से पैसे लेने वालों पर सख्ती
अलगाववादी नेता शब्बीर शाह का करीबी गिरफ़्तार
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आतंकियों से फंड लेने (टेरर फंडिंग) के मामले में कश्मीर के बड़े अलगाववादी नेता शब्बीर शाह के एक करीबी को गिर$फ्तार किया है। बताया जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय के अफसरों ने कथित हवाला व्यापारी असलम वानी को रविवार को श्रीनगर से पकड़ा। शाह डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के अध्यक्ष हैं। आतंकियों से फंड लेकर भारत विरोधी हरकत करने पर 10 साल पुराने मनी लॉन्ड्रिंग केस में इसी साल 26 जुलाई को शब्बीर शाह को भी अरेस्ट कर चुकी है। इस केस की जांच कर रही एनआईए (राष्ट्रीय जांच दल) ने 24 जुलाई को कश्मीर के 7 अलगाववादी नेताओं को भी गिरफ्तार किया था। इनमें हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी का दामाद भी शामिल है। निदेशालय ने शाह और वानी के खिलाफ मनी लॉड्रिंग रोकथाम एक्ट (क्करूरु्र) के तहत केस दर्ज किया है। वानी ने दावा किया है कि उसने शाह और उनके घर वालों को पिछले साल 2.25 करोड़ रुपए दिए थे। वह श्रीनगर से भागने की फिराक में था, मगर पकड़ा गया। ईडी ने दिल्ली के कोर्ट से उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल किया था। ईडी ने कहा है कि शाह पाकिस्तान के आतंकियों से लगातार संपर्क में थे।
यह है कश्मीर के गद्दार
एनआईए ने टेरर फंडिंग केस में कश्मीर के जिन 7 अलगाववादी नेताओं को अरेस्ट किया था, उनमें बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह (अल्ताफ फंटूश), अयाज अकबर, टी। सैफुल्लाह, मेराज कलवल और शहीद-उल-इस्लाम शामिल हैं। अल्ताफ हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी के दामाद हैं।

देश में आतंक फैला रहे अलगाववादी
अलगाववादी नेताओं पर आरोप है कि इन्हें कश्मीर में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, स्कूलों और अन्य सरकारी संस्थानों को जलाने जैसे विध्वंसक गतिविधियों के लिए लश्कर चीफ हाफिज सईद से पैसा मिलता है। घाटी में सिक्युरिटी फोर्सेस पर पत्थर बरसाने के लिए हुर्रियत नेताओं को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों और पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई दोनों से फंडिंग होती है। एनआईए ने इस मामले में फिलहाल 13 लोगों के खिलाफ सबूत जुटाए हैं।

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