मुंगेर,सेना के जवान हमेशा ही जान पर खेलकर लोगों की जान बचने का काम करते हैं इसी तर्ज पर हाईजैक हो चुकी ट्रेन का माओवादियों से छुड़ा लिया। घटना बिहार के लखिसराई जिले की है। जहां माओवादियों ने एक एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया था। जिसके बाद स्पेशल फोर्स के कमांडो ने कार्रवाई कर ट्रेन के नक्सलियों के कब्जे से मुक्त करा लिया था। दानापुर-दुर्ग एक्सप्रेस को भालुई और उरेन स्टेशन के बीच माओवादियों ने अपने कब्जे में लेकर एक दूरसंचार टावर भी उड़ा दिया था। ट्रेन के हाईजैक होने की खबर लगाते ही सीआरपीएफ के कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रिजोल्यूट एक्शन) के करीब 150 कमांडोज ने कार्रवाई कर उन्हें खदेड़ दिया।
गौरतलब हैं कि माओवादियों ने 28 जुलाई को राज्य में सप्ताहभर के बंद की घोषणा की थी बंद के आखिरी दिन उन्होंने ट्रेन पर हमला किया। ऑपरेशन में शामिल एक सीआरपीएफ अधिकारी ने कहा कि माओवादी ने भलुई और उरेन स्टेशन के पास रेलवे केबिनों पर हमला किया। उन्होंने कर्मचारियों को ट्रैक के सिग्नल लाल करने के लिए मजबूर कर दिया और गेटमैन का अपहरण कर लिया।
लाल सिग्नल को देखकर दानापुर-दुर्ग एक्सप्रेस भलुई हॉल्ट के पास रुक गई। जिसके बाद केबिन कर्मचारियों को इसके बारे में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी देने के लिए कहा। अधिकारी ने कहा कि डरे हुए यात्रियों ने लाइट्स ऑफ कर दी और कोचों लॉक कर लिए। कोबरा कमांडो के मौके पर पहुंचने के बाद लगभग 4.30 बजे मुठभेड़ शुरू हुई। हालांकि, माओवादी कुछ किलोमीटर दूर तक गेटमैन को अपने साथ ले गए और फिर उसे वहां छोड़कर भाग निकले। सूत्रों ने बताया कि इस हाईजैक के पीछे माओवादी कमांडर प्रवेश दा मास्टरमाइंड हो सकता है। अधिकारी ने कहा कि हम सशस्त्र सीमा बाल और बिहार पुलिस के साथ क्षेत्र में माओवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चला रहे हैं। वहीं लखिसराई सांसद अरविंद ठाकुर ने कहा कि ऑपरेशन के बाद क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल हो गई। पूर्व मध्य रेलवे के पीआरओ आरके सिंह ने कहा कि दिल्ली-हावड़ा लाइन की आवाजाही बाधित हुई, जिसे सुबह 7:00 बजे बहाल किया गया। उन्होंने बताया कि माओवादी हमले के कारण कम से कम 24 ट्रेनें लेट हुई हैं।